
दिघवारा. दरियापुर प्रखंड के सज्जनपुर मटिहान पंचायत स्थित सज्जनपुर गांव में शुक्रवार को एक भावुक दृश्य देखने को मिला. कुछ माह पूर्व इस गांव के निवासी इंजीनियर नरेश कुमार सिंह का निधन कनाडा में हो गया था. उनके निधन के बाद अमेरिका और कनाडा में रह रहे परिजनों ने यह निर्णय लिया कि वे अपने पिता का श्राद्धकर्म अपने पैतृक गांव में ही संपन्न करेंगे. पटना में गंगा नदी में स्व सिंह की अस्थियों का विसर्जन करने के बाद शुक्रवार को सज्जनपुर गांव में पूरे वैदिक विधि-विधान से श्राद्धकर्म और दशकर्म की प्रक्रिया पूरी की गयी. स्व सिंह के पुत्र इंजीनियर प्रवीण कुमार सिंह और इंजीनियर संजीव कुमार सिंह दिनभर पारंपरिक रीति-रिवाजों में लगे रहे. उन्होंने कहा कि विदेशों में पैसा और शोहरत तो है, पर गांव जैसा अपनापन और सादगी नहीं. दोनों भाइयों ने बताया कि वे 1983 में अंतिम बार एक श्राद्धकर्म में शामिल होने गांव आये थे और अब 42 वर्षों बाद फिर लौटे हैं. अपने गांव में परिजनों और ग्रामीणों के साथ रहकर उन्हें बेहद आत्मीयता का अनुभव हुआ. स्व सिंह की पुत्रवधुएं अर्चना सिंह और सुषमा सिंह ने कहा कि यह उनका विवाह के बाद पहला गांव आगमन है और उन्हें यहां का मिलनसार वातावरण बहुत अच्छा लगा. इस अवसर पर गांव के ही निवासी एवं आंध्रप्रदेश राज्य के एडीजी मनीष चंद्र सिन्हा ने कहा कि, व्यक्ति चाहे जितनी ऊंचाइयों तक क्यों न पहुंच जाए, उसे अपनी माटी और जन्मस्थान नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भी समय मिलता है, वे अपने गांव जरूर आते हैं.
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