नगरा.
सरकार को सालाना लाखों का राजस्व देने वाला खैरा गांव का पुराना सरकारी बाजार अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इस ऐतिहासिक बाजार की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि न तो पानी की निकासी है और न ही व्यवस्थित ढंग से व्यापार हो पा रहा है.बताया जाता है कि यह सरकारी सब्जी बाजार वर्षों से हर शुक्रवार और सोमवार को लगता रहा है. पहले इसकी सरकारी निविदा होती थी और इससे सरकार को अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन कोरोना काल के बाद से बाजार का डाक निविदा प्रक्रिया बंद कर दिया गया, जिससे धीरे-धीरे बाजार की स्थिति बिगड़ने लगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दबंगों ने बाजार की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है. वहीं, पानी निकासी का रास्ता भी बंद कर दिया गया है. इससे 70 से 80 परिवारों के घरों का नाला बाजार क्षेत्र में गिरने लगा, जिससे पूरी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गयी. साथ ही लोगों ने कहा कि दो माह पूर्व नाला निर्माण कार्य शुरू किया गया, लेकिन उसे अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे समस्या और गंभीर हो गयी. स्थानीय ग्रामीणों और खैरा के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि सह भाजपा नेता शत्रुघ्न भक्त की पहल पर सोमवार को नगरा बीडीओ अनुभव कुमार ने बाजार का स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जायेगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि बाजार की स्थिति सुधारने के लिए एस्टीमेट तैयार कर नाले का समुचित निर्माण कार्य कराया जायेगा. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि इस ऐतिहासिक और राजस्व देने वाले बाजार को फिर से व्यवस्थित किया जाये, ताकि न सिर्फ व्यापारियों को राहत मिले, बल्कि सरकार को भी पूर्व की भांति राजस्व प्राप्त हो सके.