
एकमा. प्रखंड क्षेत्र के फुच्टीकल्ला गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शनिवार को मध्याह्न भोजन में परोसी गयी खिचड़ी-चोखा की थाली में कीड़ा दिखने की अफवाह फैलते ही बच्चों ने भोजन की थालियां फेंक दीं. देखते ही देखते सभी बच्चों में अफरातफरी मच गयी और भोजन को लेकर हंगामा खड़ा हो गया. घटना से ग्रामीणों में भी चर्चा का माहौल बन गया.
प्रभारी शिक्षक ने दी सफाई-कीड़ा नहीं, पालकी की डंडी थी
इस संबंध में जब विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उषा कुमारी से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि बच्चों से कीड़ा मिलने की शिकायत उन्हें भी मिली है, लेकिन उन्होंने स्वयं भोजन में कीड़ा नहीं देखा. घटना की सूचना मिलते ही मध्यान्ह भोजन प्रभारी शिक्षक विवेक कुमार विद्यालय पहुंचे और भोजन की जांच-पड़ताल की. उन्होंने स्पष्ट किया कि भोजन में कीड़ा नहीं था, बल्कि उसमें पालकी (परवल) की डंडी थी, जिसे बच्चे कीड़ा समझ बैठे और घबरा गये.पालकी बंद करने का था निर्देश, जांच में जुटा शिक्षा विभाग
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी ली गयी है और जांच की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान मौसम को देखते हुए भोजन में पालकी का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है. यदि विद्यालय में पालकी का प्रयोग हुआ है, तो इस पर भी कार्रवाई की जायेगी. घटना के बाद विद्यालय में बच्चों ने भोजन करना बंद कर दिया और कई बच्चों ने भूखे ही घर लौटने की बात कही. स्थानीय लोगों का कहना है कि मिड-डे मील जैसी योजना में गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर बच्चों की सेहत और शिक्षा पर पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है