सासाराम नगर. विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद शुक्रवार को डीएम ने निर्वाचक सूची का प्रारूप प्रकाशन कर दिया. इस सूची से 1.56 लाख मतदाता बाहर हो गये हैं. प्रारूप निर्वाचक सूची के अनुसार, जिले में मतदाताओं की संख्या 2140273 हो गयी है, जबकि जिले में मतदाताओं की संख्या पिछली सूची में 2296423 थी. प्रारूप प्रकाशित निर्वाचक सूची की सभी विधान सभाओं में पुरुष निर्वाचकों की संख्या 1132084, महिलाओं की संख्या 1008132 और अन्य निर्वाचकों की संख्या 57 है. मतदान केंद्रों की संख्या युक्तिकरण के बाद जिले में 2692 हो गयी है. आज से निर्वाचक इस सूची में अपना नाम दर्ज कराने और हटाने के लिए दावा या आपत्ति कर सकते हैं. कोई व्यक्ति अर्हता तिथि के आधार पर निर्वाचक सूची में पंजीकरण के लिए प्रपत्र-6 के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन जमा कर सकते है. आवेदक को अपने आवेदन में आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेजों के साथ-साथ घोषणा पत्र भी देना होगा. यदि कोई निर्वाचक प्रपत्र-8 के माध्यम से बिहार राज्य के अंतर्गत आवास परवर्तित करते है, तो उन्हें फॉर्म के साथ दस्तावेज संलग्न करना आवश्यक नहीं होगा. आपत्ति के अवधि में ऐसे निर्वाचक, जिन्होंने अपने गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज संलग्न नहीं किया है. उनसे आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेज संकलित किये जायेंगे. निर्वाचक अपने दस्तावेज स्वयं ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. कोई योग्य मतदाता छुटे नहीं व अयोग्य मतदाता सूची में शामिल नहीं रहे, इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निर्वाचक की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय व नगर निकाय कार्यालयों में विशेष कैंप दो अगस्त से एक सितंबर तक लगाये जायेंगे. कार्यालय अवधि में यह कैंप कार्यरत रहेंगे. इन कैंपों में कोई व्यक्ति पंजीकरण, स्थानांतरण, विलोपन, संशोधन के लिए आवेदन दे सकता है. पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक अगस्त से एक सितंबर तक आपत्ति प्राप्त किये जायेंगे. इनके निष्पादन के बाद 30 सितंबर को निर्वाचक सूची का अंतिम प्रकाशन किया जायेगा. प्रारूप प्रकाशन के संदर्भ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी की अध्यक्षता में सभी राजनैतिक दलों के साथ आयोजित बैठक के बाद सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रारूप निर्वाचक सूची व ऐसे निर्वाचकों की सूची उपलब्ध करायी गयी, जिनका गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुआ है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी दलों से अनुरोध किया कि ऐसे पात्र मतदाता, जो निर्वाचक सूची में शामिल होने से वंचित रह गये हैं और ऐसे अपात्र मतदाता, जो निर्वाचक सूची में दर्ज है के विरुद्ध फॉर्म भरकर आपत्ति संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के समक्ष दायर किया जाये. डीएम ने सभी उपस्थित दलों को बताया कि यदि आप निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी से असंतुष्ट हैं, तो जिला दंडाधिकारी के यहां अपील कर सकते है. इसके बाद अपील 30 दिन के अंदर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के यहां की जा सकती है. साथ ही डीएम ने राजनीतिक दलों से सभी मतदान केंद्रों पर बीएलए-2 नियुक्त करने का अनुरोध किया और शुद्ध मतदाता सूची निर्माण में उनके सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की गयी. बैठक में उप निर्वाचन पदाधिकारी, सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, आरजेडी के रामचंद्र ठाकुर, आप के आबिद हुसैन, बीएसपी के विजय भारती, बीजेपी के संतोष कुमार पटेल, सीपीआइएमएल के सतार अंसारी, कांग्रेस के अमरेंद्र कुमार पांडेय, जदयू के अजय कुमार व अन्य पार्टी के अध्यक्ष व सचिव मौजूद थे. 11 दस्तावेजों में से एक देना होगा बीएलओ को – गहन पुनरीक्षण के दौरान 90 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने चुनाव आयोग की ओर से तय 11 प्रकार के दस्तावेज संलग्न नहीं किये हैं, जो अब देने होंगे. इसके लिए निर्वाचक ऑनलाइन या ऑफलाइन अपना दस्तावेज संलग्न कर सकता है. यदि निर्वाचक का जन्म एक जुलाई 1987 से पहले हुआ है, तो निर्वाचक को केवल अपना जन्मतिथि या आवास प्रमाणपत्र देना होगा. यदि निर्वाचक का जन्म एक जुलाई 1987 के बाद और तीन दिसंबर 2021 के पूर्व हुआ है, तो निर्वाचक को अपना जन्मतिथि या आवास प्रमाणपत्र के साथ-साथ अपने माता व पिता का भी जन्मतिथि या आवास प्रमाण पत्र देना होगा. साथ ही यदि पंजीकृत निर्वाचक का जन्म तीन दिसंबर 2001 के बाद हुआ है, तो अपने साथ अपने माता-पिता का भी जन्मतिथि या आवास प्रमाणपत्र संबंधी साक्ष्य बीएलओ को देना होगा. वहीं, एक जनवरी 2003 के आधार पर अंतिम प्रकाशित निर्वाचक सूची में पंजीकृत निर्वाचक आज भी निर्वाचक सूची में पंजीकृत हैं, तो उन्हें जन्मतिथि या आवास प्रमाणपत्र के संबंध में कोई साक्ष्य देने की आवश्यकता नहीं होगी. भारत निर्वाचन आयोग ने 11 प्रकार के संलग्न किये जाने वाले साक्ष्यों में जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पासर्पोट, घर या जमीन संबंधी कागजात, शैक्षणिक प्रमाणपत्र सहित अन्य की मांग की है.
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