चिंताजनक. जिला शिक्षा विभाग ने चलाया पुनः नामांकन अभियान
प्रशासन की पहल-अभियान से फिर लौटे स्कूल
हालांकि, इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा विभाग ने पुनः नामांकन अभियान शुरू किया है. ड्रॉपआउट छात्रों की पहचान की गयी. विशेष रूप से ड्रॉपआउट 10वीं से 12वीं के छात्रों को बिहार बोर्ड, बी-बोस जैसे बोर्ड के तहत फिर से परीक्षा में शामिल कराया गया. कई बच्चों को फिर से स्कूलों में लाया गया, ताकि वह शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े रहें.अब क्या जरूरी है?
-पंचायत स्तर पर लगातार पुनः नामांकन और जागरूकता अभियान चलाना.
-स्कूलों की मूलभूत समस्याओं का शीघ्र समाधान करना.
क्या कहते हैं डीपीओ
ड्रॉपआउट बच्चों को चिह्नित कर स्कूलों में वापस लाया गया है. ज्यादातर बच्चों का नामांकन हो चुका है, कुछ ही बाकी हैं. अभियान के तहत उन्हें स्कूल से जोड़ा जा रहा है. बोर्ड के ड्रॉपआउट छात्रों को पुन: परीक्षा में शामिल कराया जा रहा है. ज्यादातर ड्रॉपआउट पांचवीं से छठी और आठवीं से नौवीं कक्षा में स्कूल बदलने के दौरान होता है, इसे ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है. इसके साथ अन्य कई कारण भी हैं. उनके लिए भी योजनाएं तैयार की गयी हैं. ड्रॉप आउट कम करने के लिए विभाग सक्रिय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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