डेहरी नगर. शहर के आदित्यालय किड्स थेरेपी सेंटर में बुधवार को विश्व ऑटिज्म दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ. सेंटर के डायरेक्टर डॉ निषाद ने ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के माता-पिता को उनकी देखभाल के प्रति बेहद सावधान रहने को लेकर जागरूक किया. कहा देखभाल केवल माता-पिता तक ही सीमित नहीं है. आस-पड़ोस के लोग, स्कूल, कॉलेज में टीचर्स की भी जिम्मेदारी है. यहां तक कि ऑटिज्म ग्रुप के लोगों को ऐसे बच्चों के व्यवहार से जुड़ी जरूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि बच्चे एक सुरक्षित और बेहतर वातावरण एंजॉय कर सके. सेंटर के साइकोलोजिस्ट पूजा सिंह के अनुसार ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल में धैर्य और प्यार सबसे जरूरी है. ऐसे बच्चों को समझने और उनकी जरूरतों के अनुसार व्यवहार करने से उन्हें सुरक्षित और खुशी महसूस होती है. उनकी दिनचर्या को नियमित रखना, उनके साथ खेलना और उनकी रुचियों को प्रोत्साहित करना फायदेमंद साबित हो सकता है. ऐसे बच्चों के पोषण का ध्यान रखना, उन्हें नियमित व्यायाम कराना और पर्याप्त आराम देने से उनकी सेहत बेहतर रहती है. डॉक्टर और विशेषज्ञों से समय-समय पर परामर्श लेना, उनकी विशेष जरूरतों को समझने में मदद करता है. सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए उन्हें प्यार भरे माहौल में रखना आवश्यक है, जिससे वे आत्मविश्वास महसूस करें और अपनी क्षमताओं को बेहतर बना सके.ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए खास 10 तरह के टिप्स शामिल है.
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