संयुक्त वार्षिक शिविर के तीसरे दिन दिखा अनुशासन, समर्पण और सेवा का संगम फोटो-5- रक्तदान करती कैडेट. प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस एनसीसी के दस दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन कैडेटों ने अनुशासन के साथ सेवा भावना की मिसाल पेश की. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर 42 बिहार बटालियन एनसीसी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डीएस मलिक सहित करीब 9 कैडेटों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर समाज को जीवनदान का संदेश दिया. यह शिविर 12 जून से 21 जून तक आयोजित हो रहा है. तीसरे दिन कैडेटों को फिजिकल ट्रेनिंग, ड्रिल, फायरिंग, मैप रीडिंग जैसी युद्धक क्षमताओं का प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही बहु-आपदा जोखिम न्यूनीकरण के तहत एनडीआरएफ की टीम ने व्यावहारिक जानकारी व मॉक ड्रिल के माध्यम से सड़क सुरक्षा, भूकंप व अग्नि सुरक्षा, अस्पताल पूर्व चिकित्सा, वज्रपात से बचाव व साइबर सुरक्षा जैसे अहम विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण की खास बातों में सड़क सुरक्षा: यातायात नियमों की जानकारी व दुर्घटना से बचाव के उपाय, अस्पताल पूर्व चिकित्सा: खून रोकना, सीपीआर व प्राथमिक उपचार पर मॉक ड्रिल, वज्रपात से बचाव: कुकरू पोजिशन के जरिए सुरक्षित रहने की तकनीक, भूकंप सुरक्षा: झुको, ढको, पकड़ो के माध्यम से जान-माल की सुरक्षा तथा अग्नि सुरक्षा: घरेलू गैस सिलेंडर में आग लगने पर नियंत्रण के व्यावहारिक उपाय शामिल रहे. शिविर में बम धमाके जैसी आपात परिस्थितियों में सिविल डिफेंस की भूमिका व बचाव के उपायों की भी जानकारी दी गई. शिविर के दौरान ही आरडीसी व टीएससी चयन प्रक्रिया भी चल रही है. इस कैंप में फर्स्ट ऑफिसर चंदन कुमार, सेकंड ऑफिसर रोहित कुमार, थर्ड ऑफिसर संतोष कुमार, सीनियर जीसीआई बिमला कुमारी, सीटीओ ओम प्रकाश, प्रतिमा देवी सहित कुल 600 कैडेट भाग ले रहे हैं. कैंप सीनियर की भूमिका में अंडर ऑफिसर दुर्गेश कुमार, रौशन कुमार और सोनम कुमारी मौजूद हैं. कमांडिंग ऑफिसर ने कहा कि एनसीसी का यह शिविर केवल प्रशिक्षण का मंच नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का जीवंत उदाहरण है.
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