sasaram News : पीएम मोदी के पिटारे से निकलेगी रेल कारखाना की सौगात या मिलेगी मयूसी

2015 में सुअरा हवाई अड्डे में आयोजित चुनावी कार्यक्रम में पीएम ने की थी घोषणा

By PANCHDEV KUMAR | May 29, 2025 9:47 PM
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तारिक महमूद, डेहरी

इनसेटस्थानीय जनप्रतिनिधि पीएम के सामने उठायेंगें रेल कारखाना का मुद्दाउम्मीद लगायी जा रही है कि पीएम की सभा के दौरान जिन जनप्रतिनिधियों को संबोधन करने का मौका मिलेगा. वे डालमियानगर रेल कारखाना का मुद्दा उठायेंगे. ऐसे में देखना होगा कि उनके द्वारा उठाये गये मुद्दे पर पीएम खामोश रहते हैं या फिर कोई घोषण करते हैं. बताया जाता है कि 2024 में पीएम मोदी की जनसभा के दौरान भी डालमियानगर रेल कारखाने को खोलने को लेकर घोषणा करने की उम्मीद जतायी जा रही थी. लेकिन, पीएम ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली थी. हालांकि, लोगों की मांग को देखते हुए काराकाट से एनडीए के प्रत्याशी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने मंच से कहा था कि चुनाव परिणाम के बाद रेल कारखाने को लेकर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन, पीएम के मुख से इस पर चुप्पी साधने से लोगों को मायूसी हाथ लगी थी.

1984 में फैक्ट्री में लगा था ताला1984 में जब फैक्ट्री में ताला लगा था. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. उसके बाद से कई सरकारें आयीं और गयीं. लेकिन, डालमियानगर उद्योग को लेकर कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी. हालांकि, 2007 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने यहां रेलवे कारखान खोलने के लिए पहल की थी. कोर्ट से रेलवे ने डालमियानगर उद्योग पूंज को 140 करोड़ रुपये में क्रय किया था. 2009 में रेलवे कारखाना का शिलान्यास तत्कालीन यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी के हाथों हुआ था. लेकिन, 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद रेल मंत्रालय ममता बनर्जी के पास चला गया और ये मामला ठंडा पड़ गया. हालांकि यूपीए द्वितीय के कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष के पद पर मीरा कुमार थीं. चूंकि ये कारखाना इसी जिला में आता है. लेकिन, मीरा कुमार के लोकसभा क्षेत्र में नहीं आने के कारण उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया.

1933 में रखी गयी थी डालमियानगर इंडस्ट्रीज की नींवडालमियानगर इंडस्ट्रीज की नींव रामकृष्ण डालमिया ने 1933 में रखी थी. धीरे-धीरे यह उद्योग पूंज एशिया का सबसे बड़े उद्यौगिक परिसर में बदल गया. 15 मई 1933 को चीनी मिल के लिए सर सुल्तान अहमद द्वारा नींव का पत्थर रखा गया था. वर्ष 1937 में बिहार के तत्कालीन गवर्नर सर मॉरिस हैलेट ने प्रतिदिन 500 टन की क्षमता वाले सीमेंट फैक्ट्री का नींव रखा था. मार्च 1938 में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस सीमेंट कारखाना का उद्घाटन किया था.

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