फोटो-9-वट सावित्री व्रत के लिए सामान की खरीदारी करतीं महिलाएं.प्रतिनिधि, सासाराम ग्रामीण अखंड सौभाग्य का त्योहार वट सावित्री व्रत सोमवार को किया जायेगा. इसको लेकर सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसको लेकर रविवार को बाजारों में जमकर खरीदारी हुई. आचार्य दयाशंकर पांडेय ने बताया कि महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं. वट सावित्री व्रत पतिव्रता धर्म का प्रतीक माना जाता है. सत्यवान सावित्री की कथा में यह वर्णन है. सोमवार को अमावस्या दोपहर 12:11 बजे से शुरू होगी और 27 की सुबह 8: 31 बजे तक रहेगी. दोपहर के समय में वट वृक्ष पूजन करना श्रेष्ठ है. उन्होंने बताया कि यह व्रत नारी शक्ति, प्रेम, धैर्य और समर्पण का प्रतीक बन गया है. तभी से सभी सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को करती हैं. पूजन से संबंधित सामग्री की खरीदारी के लिए सुहागिन महिलाओं की भीड़ रविवार को बाजार में उमड़ पड़ी. महिलाएं दौड़ी, बांस से बना पंखा, लीची, आम सहित विभिन्न सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार पहुंचीं. जहां महिलाओं के पर्व को लेकर उत्साह देखा गया. यह पर्व मानव एवं प्रकृति के बीच एक दूसरे के सम्मान के साथ-साथ भरण-पोषण का भी गहरा रिश्ता है.
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