तिलौथू. मां तुतला भवानी धाम में मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद वाटरफॉल का रौद्र रूप दिखा. इसकी जानकारी देते हुए वनरक्षी सतानंद ने बताया कि झरना का इतना रौद्र रूप था कि मां तुतला भवानी के मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करने से रोकना पड़ा. वहीं, कुछ समय के लिए झूला पुल को भी बंद कर दिया गया था, ताकि मूसलाधार बारिश होने के बाद पहाड़ी नदियां काफी रौद्र रूप में आती है और मां तुतला भवानी धाम में झरना का भी काफी रौद्र रूप ले लिया था. इस कारण जलस्तर में काफी वृद्धि हो गयी. इसमें अगर श्रद्धालुओं को मंदिर जाने के लिए छोड़ा जाता तो कुछ अनहोनी भी हो सकती थी. इसलिए यह निर्णय लिया गया कि जब तक झरना का रौद्र रूप है, तब तक श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से रोका जाए व सुरक्षा की दृष्टिकोण से झूला पुल को भी बंद कर दिया गया था. विदित हो है कि पिछले वर्ष हुई मूसलाधार बारिश और मां तुतला भवानी धाम में झरना का रौद्र रूप लेने के बाद स्थिति भयावह हो गयी थी. उसमें कुछ सैलानी भी फंस गये थे. उसे तत्कालीन वनपाल अमित कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू किया गया था. पिछले साल की गलती पुनः वन विभाग दोहराना नहीं चाहता है. विभाग ने निर्णय लिया है कि जब भी बाढ़ की स्थिति बनेगी और वॉटरफॉल का रौद्र रूप होगा, तब श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टिकोण से सतर्कता जरूरी है. वहीं, वनरक्षक सतानंद ने यह भी बताया कि मंगलवार को काफी अपार भीड़ मां तुतला भवानी धाम में जुटी थी, लेकिन फिर भी जिन मजिस्ट्रेट की तैनाती है एक भी मजिस्ट्रेट नहीं दिखे. इतना ही नहीं मात्र तीन पुलिसकर्मी चंदनपुरा ओपी प्रभारी मनोज कुमार, एक एएसआइ व एक कांस्टेबल के सहारे भीड़ को नियंत्रित किया गया. वहीं, मात्र चार वनरक्षी ड्यूटी में तैनात थे. उन्होंने कहा कि इतनी जुट रही अपार भीड़ को लेकर जो पुलिस बल को नियुक्त किया गया है, वह कोई भी नजर नहीं आता है. इस स्थिति में भीड़ को नियंत्रित करना काफी कष्टदायक होता है.
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