कॉलोनी के निवासियों ने बैठक कर मुख्यमंत्री से लगायी गुहार
शहर के चार मुहल्लों के निवासियों का नहीं बनता है स्थायी निवास प्रमाण पत्र
शहर के इन मुहल्लों के निवासियों का नहीं बनता है स्थायी निवास प्रमाण पत्र
जानकार बताते हैं कि डेहरी डालमियानगर नगर पर्षद क्षेत्र के चार मुहल्लों के निवासियों का स्थायी निवास प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है. उक्त मोहल्ले में रहने वाले लोग जब निवास प्रमाण पत्र के लिए अप्लाई करते हैं तो उन्हें अस्थायी निवास प्रमाण पत्र संबंधित अधिकारी द्वारा निर्गत किया जाता है. शहर के जिन मुहल्लों के निवासियों का स्थायी निवास प्रमाण पत्र नहीं बनता है, उनका नाम है डालमियानगर कॉलोनी, बारह पत्थर मुहल्ला, सिंचाई विभाग कॉलोनी व लालबंगला कॉलोनी.
1426 क्वार्टर में रहने वाले लोग हैं प्रभावित
जानकारी के अनुसार डालमियानगर के क्वार्टरों में लगभग 680 पूर्व इंप्लाई के क्वार्टर व 746 बाहरी व्यक्ति निवास करते हैं. कुल लगभग 1426 क्वार्टरों में परिवार रहता है. उन परिवारों के बच्चे जो पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें कई परीक्षाओं के लिए निवास प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होता है. यही नहीं सरकार द्वारा चलायी जाने वाली कई कल्याणकारी योजनाओं में भी निवास प्रमाण पत्र देने की बाध्यता रहती है. ऐसे में उन लोगों द्वारा निवास प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान उन्हें अस्थायी निवास प्रमाण पत्र ही सरकारी स्तर से निर्गत किया जाता है. कॉलोनी परिसर में सैकड़ो की संख्या में रह रहे परिवारों के समक्ष इस समस्या को लेकर परेशानी झेलनी पड़ रही है. यही स्थिति शहर के अन्य तीन मुहल्लों के निवासियों की भी है. विदित हो कि डालमियानगर कॉलोनी में कुल लगभग 2000 क्वार्टर थे. जिनमे सीएल ब्लॉक के करीब 250 क्वार्टर पूरी तरह डैमेज हो चुके हैं. कॉलनी के करीब 100 क्वार्टर सेल हो चुके हैं. वर्तमान में करीब 150 क्वार्टर खाली पड़े हैं, वहीं लगभग 1426 क्वार्टरों में कंपनी के पूर्व इम्प्लाई व बाहरी लोगों का परिवार रहता है.
कॉलोनी के निवासियों ने लगायी मदद की गुहार
डालमियानगर कॉलोनी के निवासी व जय भारती सेवा संस्थान के सचिव विनय कुमार मिश्रा उर्फ विनय बाबा, कॉलोनी के निवासी धनंजय पांडेय, श्रीधर पांडेय, वरीय अधिवक्ता बैरिस्टर सिंह, पारस दुबे, ललित कुमार श्रीवास्तव, अनिल मिश्रा, शशि भगत, राखी कुमारी, ललिता देवी, रेणु देवी, रूही कुमारी आदि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व बिहार सरकार के राजस्व मंत्री से गुहार लगायी है कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए भी स्थायी निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था करें.
कहते हैं अधिकारी
जिन व्यक्तियों को निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है उन्हें निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन करने के समय सरकार द्वारा निर्धारित नियम के अनुसार अपनी जमीन की रसीद या केवाला की कॉपी जमा करना होता है. वह जिस इलाके का भी रसीद या केवाला जमा करेंगे उस आंचल का उन्हें स्थायी निवासी माना जाएगा. जिनके द्वारा उक्त दोनों कागजात ऑनलाइन नहीं किया जाते हैं, उन्हें अन्य कागजातों के आधार पर उस अंचल का अस्थायी निवासी मानकर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है.
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