पुनीत कुमार पांडेय, सासाराम ग्रामीण. देश में 18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हो रहा है. चुनाव में प्रत्याशियों के अलावा सरकारी खजाने पर भी बड़ा बोझ पड़ता है. प्रत्येक चुनाव के बाद हुए खर्च का आंकड़ा सरकार प्रस्तुत करती है. देश में पहला चुनाव 1952 में हुआ था. उस समय चुनाव में प्रति मतदाता 60 पैसा सरकार ने खर्च किया था. इसके बाद से हर चुनाव में सरकारी खर्च बढ़ता गया. हालांकि, सासाराम लोकसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में हुआ था. इस समय 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहा है. इन 67 वर्षों में चुनाव पर बेतहाशा खर्च बढ़ा है. 1952 के बाद के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं, पर 2019 के 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में सरकार ने प्रति मतदाता 72 रुपये खर्च किये थे. इस बार इसके सौ रुपये से अधिक खर्च होने की संभावना है. तभी तो लोग कह रहे हैं कि इस बार एक मतदाता पर एक लीटर पेट्रोल की कीमत के बराबर रुपये खर्च होंगे. वर्तमान समय में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 106.63 रुपये है.
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