सासाराम सदर. पांच हजार में बंदोबस्त होने वाले गिरधरिया के तालाब की नीलामी 40 हजार और 30 हजार रुपये में बंदोबस्त होने वाले सोनहर तालाब के लिए ढाई लाख की बोली लगायी गयी. पोखरों की नीलामी के लिए शुरू की गयी डाक की प्रक्रिया से कई मत्स्य पालकों को बड़े लेवल पर अपनी जेब ढीली करनी पड़ी. डाक की प्रक्रिया के बाद कई मछली पालक तालाब की नीलामी से दूर भागने लगे. इसका नतीजा है कि पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा कार्यालय परिसर में मत्स्य सहयोग समिति शिवसागर के पोखरों की दो दिनों तक चली डाक से बंदोबस्ती में महज करीब 31 तालाबों की ही नीलामी हो सकी. डाक से हो रही पोखरों की नीलामी से कई मछली पालक किसी तालाब पर डाक बोलने की हिम्मत नही कर रहे हैं. हालांकि, कई पोखरे अपने पुराने राजस्व पर ही नीलाम किये गये. इससे उन तालाबों की बंदोबस्ती लेने वाले मछली पालकों ने कुछ राहत की सांस ली. गौरतलब है कि वर्ष 2021 में शिवसागर मत्स्य सहयोग समिति का गठन हुआ था. इसके बाद वर्ष 2022 तक तो पोखरों की बंदोबस्ती हुई. लेकिन, 2023 में विभाग व समिति के बीच उत्पन्न विवाद के कारण विभाग द्वारा समिति की बंदोबस्ती को रद्द कर दिया गया. ऐसे में तालाबों से सरकार को राजस्व जाना बंद हो गया. इसके बाद राजस्व नुकसान को देखते हुए विभाग ने डाक से तालाबों की बंदोबस्ती करने का समय निर्धारित कर दिया. जहां डाक के कारण बढ़ रहे तालाबों के बंदोबस्ती की राशि से मछली पालक तालाब लेने से अपना पैर पीछे खींचने लगे.
संबंधित खबर
और खबरें