गुड न्यूज. जागरूकता, तकनीक और बाजार की मांग ने बदली तस्वीर
खेतों में डंठलों के जलाने से मिट्टी व पर्यावरण को होता था नुकसान
कुछ साल पहले तक गेहूं की कटाई के बाद खेतों में बचे डंठलों को किसान आग के हवाले कर दिया करते थे. इससे एक ओर जहां फसलें जलती थीं, वहीं दूसरी ओर वातावरण भी जहरीले धुएं से भर जाता था. लेकिन, अब वही डंठल किसानों के लिए कमाई का जरिया बन चुका है. संझौली प्रखंड के औराई गांव के किसान संजय सिंह कहते हैं कि पहले हम डंठल को बेकार समझते थे, लेकिन अब हर टाली भूसा दो हजार रुपये तक बिकता है. पिछले सीजन में मैंने करीब 15 टाली भूसा बेचा और इससे 30 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई. अब तो खुद व्यापारी गांव आकर भूसा खरीदते हैं.
एक पोषक चारा है गेहूं का भूसा
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