काराकाट. तेलंगाना के संगारेड्डी के पश्मयलारम में स्थित सिगाची दवा संयंत्र में 30 जून को हुए विस्फोट में रोहतास जिले के अमरथा गांव के तीन श्रमिकों की मौत हो गयी थी व एक श्रमिक घायल हो गया था. तीनों मृतकों का शवों की पहचान डीएनए टेस्ट से हुआ था. इसके बाद अलग-अलग एंबुलेंस से तीनों का शव गांव पहुंचा था. शवों के साथ आये तेलंगाना के अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये बतौर मुआवजा दिया था. वही रुपये से इन तीनों गरीबों के परिजन अपने कमाउ सदस्य का दाह से लेकर श्राद्ध कर्म तक कर रहे हैं. इन 14 दिनों में बिहार सरकार के मंत्री से लेकर समाजसेवी और कई नेता मृतकों के परिजनों से मिलने आये, पर इन शोकाकुल परिजनों को एक रुपये का भी सहायता न दे सके और ना ही दिला सके. गत 11 जुलाई को श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. पर, वे भी सरकारी प्रावधानों के अनुरूप मिलने वाले मुआवजा को जल्द दिलाने का आश्वासन देकर चले गये. ग्रामीणों के अनुसार 14 जुलाई को तीनों मृतकों का श्राद्ध कर्म होगा. आर्थिक स्थिति ही बदलने तीनों लोग गये थे तेलंगाना गौरतलब है कि दीपक कुमार, नागा पासवान और दिलीप गोसाई अपने राज्य, जिला, गांव में रोजगार नहीं मिलने पर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तेलंगाना गये थे. सो, यह स्पष्ट है कि तीनों के परिजनों की आर्थिक हालत बेहद खराब है. उनकी पारिवारिक स्थिति पर नजर डालें, तो अमरथा का 22 वर्षीय दीपक कुमार अविवाहित था. उसका छोटा भाई अर्धविक्षिप्त है. माता-पिता बुजुर्ग कमाने लायक नहीं हैं. तो, मृतक 45 वर्षीय दिलीप गोसाई की तीन बेटियां और दो बेटे हैं, जिसमें से मात्र एक बेटी की शादी हुई है. और मृतक 28 वर्षीय नागा पासवान के परिवार का आलम यह है कि वह अपना गांव छोड़ ससुराल अमरथा में सास और पत्नी के साथ रहता था. पत्नी पूजा देवी को प्रसव होने वाला है. वहीं, घायल को तेलंगाना के अस्पताल में भर्ती 28 वर्षीय डब्लू पासवान के दो बच्चे हैं. बूढ़े सास-ससुर के साथ उसकी पत्नी अमृता देवी रहती है. क्या कहते हैं परिजन –मृत दीपक कुमार की मां गंगोत्री देवी ने कहा कि पति बुजुर्ग हैं. कमाने वाला एक बेटा था, वो भी इस दुनिया से चला गया. एक बेटा है, वो अर्ध विक्षिप्त है. हमारा शेष जीवन और मेरे छोटे बेटे का क्या होगा? हमारा जीवन कैसे चलेगा? अभी तक सरकारी से कुछ नहीं मिला है. –मृत दिलीप गोसाई की पत्नी मीरा देवी ने कहा कि तेलंगाना सरकार से मिले 1.10 लाख रुपये से श्राद्ध कर्म तक काम चल गया है. अब अपनी सरकार से मुआवजा के तौर पर कुछ मिल जाता, तो दो बेटियों की शादी हो जाती. मुआवजा के लिए अधिकारियों से आश्वासन मिला है. देखते हैं कब मिलता है. –मृत नागा पासवान की सास फूला देवी ने कहा कि दामाद पर ही हमारा और हमारी बेटी का जीवन टीका था. एक नन्हीं बच्ची है. बेटी पूजा प्रसव अवस्था में है. अब घर में कमाने वाला कोई नहीं है. कैसे परिवार चलेगा. बड़ी मुसीबत आ गयी है. अगर सरकार से कुछ नहीं मिला, तो हमारा परिवार भूखों मरने की स्थिति में आ जायेगा. –घायल हो तेलंगाना के अस्पताल में पड़े डब्लू की पत्नी अमृता देवी ने कहा कि सास-ससुर बुजुर्ग हैं. हमारे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. कमाने वाला कोई नहीं है. हमार परिवार कैसे चलेगा. सरकार से अभी तक कुछ मिला नहीं है. अधिकारी आये थे. बात कर चले गये हैं. हमारा कमाने वाला अस्पताल में है. भूखे रहने की नौबत आ गयी है. क्या कहते हैं मंत्री – बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह शनिवार की शाम अमरथा गांव पहुंचे थे. वे परिजनों से कहा कि बिहार व तेलंगाना दोनों सरकारें मुआवजे जल्द ही देंगी. यह राशि कब मिलेगी, इस पर सिर्फ इतना ही कहा कि जल्द ही मिलेगी. मंत्री से परिजनों ने कहा कि आप इस क्षेत्र में रोजगार का साधन बनाइए, ताकि दूसरे राज्यों में अपने क्षेत्र का कोई बेटा या बाप अपने परिवार का पेट पालने के लिए नहीं जाए. उनकी मांग पर मंत्री ने चुप्पी साध ली.
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