
शांति प्रसाद जैन कॉलेज में प्रतिष्ठित वक्ताओं ने साझा किये विचार, युवाओं में जागरूकता का संचार फोटो-19- कार्यक्रम में शामिल स्टूडेंट. प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस शांति प्रसाद जैन कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग के तत्वावधान में बुधवार को विकसित भारत, बढ़ता बिहार विषय पर एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो डॉ अलाउद्दीन अजीजी ने की तथा संचालन डॉ अखिलेश कुमार ने कुशलतापूर्वक किया. कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और सामाजिक चिंतक बतौर वक्ता आमंत्रित किए गए थे. मुख्य अतिथि के रूप में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो डॉ गांधीजी राय ने कहा कि भारत आज विश्व राजनीति के केंद्र में है. अमेरिका, रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देश भारत की बढ़ती साख को देखकर मैत्री के हाथ बढ़ा रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समावेशी और वैश्विक दृष्टिकोण वाली नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में उपयोगी और विश्वसनीय साझेदार बन चुका है. विशिष्ट अतिथि अवधूत भगवान राम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि विकसित भारत का सपना हर भारतीय के दिल में बसा है. प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की ओर देश तेज़ी से अग्रसर है. उन्होंने जानकारी दी कि बिहार सरकार को अब तक 50,530 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो राज्य के औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ा कदम है. पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता इनामुल हक ने बिहार की औद्योगिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1990 से 2005 के बीच प्रदेश का औद्योगिक ढांचा पूरी तरह चरमरा गया था, लेकिन अब राज्य एवं केंद्र सरकारों के प्रयास से पुनः सकारात्मक माहौल बन रहा है. संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रो डॉ अलाउद्दीन अजीजी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के युवाओं में वह शक्ति है जो किसी भी राष्ट्र को विकसित बना सकती है. उन्होंने छात्रों से राष्ट्र निर्माण में भागीदारी की अपील की. भौतिक विज्ञान विभाग के प्रयोगशाला सहायक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पिछले दस वर्षों के कार्यकाल में देश ने आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी है, जिसका असर अब धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है. राजनीति शास्त्र विभाग के अतिथि शिक्षक डॉ अभिषेक रंजन ने अपने छात्र जीवन की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि वे प्रो गांधीजी राय की पुस्तकों को पढ़ते हुए बड़े हुए हैं. आज उन्हें अपने महाविद्यालय में आमंत्रित करना अत्यंत गौरव का विषय है. उल्लेखनीय है कि प्रो गांधीजी राय, जैन कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण मोरारी सिंह ”गोपाल” के पीएचडी शोध निर्देशक भी रहे हैं, जिससे इस संगोष्ठी का भावनात्मक पक्ष और भी प्रबल हो गया. संगोष्ठी में कॉलेज के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी, छात्र-छात्राएं व आमंत्रित गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.
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