डेहरी/संझौली. मौसम के बदले मिजाज के बीच हो रही बूंदाबांदी से कृषि के साथ-साथ पेड़ पर लगे मंजर पर बुरा असर पड़ा है. मौसम में बदलाव से अचानक ठंड का अहसास होने लगा है. गर्मी के कारण घरों में चल रहे पंखों का इस्तेमाल बंद हो गया है. उधर, मौसम में बदलाव से चिंतित किसानों का मानना है कि अगर तेज हवा के साथ बारिश या ओलावृष्टि होती है, तो रबी, तेलहन, दलहन की फसल पूरी तरह नष्ट हो जायेगी. डेहरी प्रखंड क्षेत्र के किसान सोमेश्वर सिंह, जितेंद्र सिंह, मुरली सिंह, मनोज कुमार, रविंद्र सिंह व अकोढ़ीगोला प्रखंड क्षेत्र के किसान विश्वनाथ सिंह, भोला सिंह, राजेंद्र सिंह, छोटू सिंह, महेंद्र प्रजापति आदि ने बताया कि इस बेमौसम बूंदाबांदी व ओलावृष्टि की आशंका ने किसानों की नींद उड़ा दी है. अगर ओलावृष्टि होती है, तो किसान बेमौत मारे जायेंगे. किसान घर की जमा पूंजी खेती में खर्च कर चुके हैं. जब पैदावार बटोरने का समय आया, तो मौसम ने करवट ले ली है. लोगों का कहना है कि नीबू, आम व लीची के पेड़ों में भी इस बार काफी अच्छा मंजर आया है. अगर मौसम कुछ दिनों तक प्रतिकूल रहा, तो सभी उत्पादन प्रभावित होगा. इस संबंध में केवीके प्रभारी सह वरीय वैज्ञानिक डॉ शोभा रानी का कहना है कि मौसम प्रतिकूल होने से उपज प्रभावित हो सकती है. इस वर्ष गेहूं, तेलहन, दलहन, आम, लीची की फसल काफी अच्छी है. किसानों में बेहतर उपज होने की आस जगी हुई है, लेकिन मौसम में एकाएक बदलाव होने के कारण उपज पर खतरा मंडराने लगा है. किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि तैयार फसल की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखें.
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