सीतामढ़ी. जिले के बथनाहा प्रखंड अंतर्गत हाई स्कूल, बथनाहा के समीप लखनदेई नदी से निकली नहर पर अंग्रेज के जमाने में निर्मित सुलिस गेट पुल पिछले करीब एक दशक से अति जर्जर अवस्था में है, लेकिन उक्त लाइफलाइन पुल के पुनर्निमाण पर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि व सरकारी अधिकारियों की नजर नहीं गयी है. रामनगर गांव निवासी आनंद मोहन, शंभु राय, किशोरी राय, रामछबीला राय व रवि राय समेत अन्य ने बताया कि हाई स्कूल से महज 50-60 मीटर की दूरी पर स्थित उक्त सुलिस गेट पुल वर्ष 2017 व 2018 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. उसके बाद काफी समय तक उक्त पुल से आवागमन बाधित रहा. बाद में गांव के किसानों द्वारा कई बार बिजली के टूटे हुए पोल व मिट्टी डालकर किसी तरह आवागमन चालू रखने का प्रयास किया. इसके बाद कुछ समय तक उक्त पुल से बैल गाड़ी, ट्रैक्टर, टेंपो, बाइक व साइकिल सवार लोग आवागमन करने लगे. इसी बीच कई दुर्घटनायें हुई. एक किसान का बैल गिर गया. वहीं, कई बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हुए. फिर भी पुल के निर्माण की दिशा में किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया. अब आलम यह है कि पिछले कई महीने से पुल से आवागमन लगभग पूरी तरह बाधित है. बताया कि उक्त पुल के टूटने से भटुआडीह, माधोपुर, विष्णुपुर, मझौलिया, लत्तीपुर, सोनबरसा, भुसुलवा, लक्ष्मीपुर, डंगराही टोला, कमलदह, पंथपाकड़, रामनगर, छतवागढ़ इत्यादि दर्जनों गांवों के हजारों नागरिक व छात्र-छात्राओं को लंबी दूरी तय कर जिला मुख्यालय, सीतामढ़ी व हाइस्कूल, बथनाहा आना-जाना पड़ रहा है. जबकि, उक्त पुल अंग्रेज के जमाने से दर्जनों गांवों के नागरिकों के लिये लाइफलाइन पुल रहा है. पुल के दोनों ओर पक्की सड़कें हैं, लेकिन सड़कें वीरान रहती है, इसलिये स्थानीय नागरिकों व विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उक्त सुलिस गेट पुल का जीर्णोद्वार अति आवश्यक है.
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