सीतामढ़ी लोकसभा: दिल्ली पहुंचने की सीधी होड़ में ‘जानकी पथ’ पर दौड़ रहे देवेश ठाकुर-अर्जुन राय

सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर माता जानकी की जन्मभूमि के विकास के मुद्दा पर लड़ा जा रहा चुनाव, राजद और जदयू उम्मीदवार खूब बहा रहे पसीना

By Anand Shekhar | May 18, 2024 6:15 AM
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अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर

सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर 14 उम्मीदवार हैं. लेकिन मुकाबला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन ( इंडिया ) में सीधा है. बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके प्रतिद्वंद्वी राजद के अर्जुन राय हैं. राम मंदिर की तरह ही जानकी धाम का निर्माण यहां भावनात्मक मुद्दा बन गया है. यही कारण है कि देवेश ठाकुर और अर्जुन राय दोनों ही जानकी धाम का विकास कराने का वचन दे रहे हैं.

राय अपने पांच साल के कार्यकाल और सीतामढ़ी की पहचान को जीत का मंत्र बनाये हैं, तो जदयू मोदी- नीतीश सरकार के काम के बल पर डटे हैं. यहां 20 मई, 2024 को मतदान होगा.  वोटों की गिनती चार जून को होगी. ठाकुर तुलनात्मक रूप से ग्रीनहॉर्न हैं क्योंकि वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर जदयू ने उनको मैदान में उतारा है.

अर्जुन राय ने 2009 में जेडीयू के टिकट पर यह सीट जीती थी, लेकिन 2014 में हार गये. 2019 में वह राजद में शामिल हो गए. लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गए.  अर्जुन राय राजद में दोबारा आए हैं यह बात खिलाफ न जाए इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव खूब मेहनत कर रहे हैं. 

दावों के बीच बदलाव की बात

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि राजद के लिए 2019 की तरह मल्लाह वोट हासिल करना आसान नहीं होगा. अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ ही सीतामढ़ी में राम जानकारी को केंद्र में रखकर विकास की जो घोषणा हुई हैं उससे अपर कास्ट का वोट एकमुश्त एनडीए को जाता दिख रहा है. रुन्नीसैदपुर इलाके में मल्लाह समाज के वोटरों पर पकड़ रखनेवाले अधिकांश नेता एनडीए के साथ दिख रहे हैं.

रेन बिशुनी के युवा वोटर सुमित यह कहकर उपाध्याय की बात को सही ठहराते हैं कि अगड़ी जाति के लोग तो मोदी के नाम पर वोट देने की बात कर रहे हैं. मुसलमान – यादव का अर्जुन राय की तरफ रुझान अधिक है. बाकी जातियां जदयू के साथ खड़ी दिखती हैं. सीतामढ़ी के नसरुल्लाह का कहना है कि हर पांच साल बाद बदलाव जरूरी है. मुस्लिम ही नहीं, हिंदू वोटर भी बदलाव चाह रहा है. चिरैया बरही के राजेश मिश्रा विकास और क्षेत्रीय समस्याओं को ध्यान रखकर मतदान करने की बात करते हैं.

यह है जातीय समीकरण

सीतामढी बिहार राज्य का एक संसदीय क्षेत्र है, जिसमें छह विधानसभा क्षेत्र बथनाहा (एससी), परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर शामिल हैं. इनमें भाजपा के पास तीन , जनता दल (यूनाइटेड) के पास दाे तथा राजद के पास एक सीट है.”चाणक्य” द्वारा की गयी मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार सीतामढ़ी संसदीय सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 208,462 यानी 11.3% है. कुल वोटर में करीब 21.1% मुस्लिम मतदाता हैं. इनकी संख्या लगभग 388,548 है. राय 174496 , साह 167709 , महतो 122513, सिंह 98350, ठाकुर 77644 तथा पासवान वोटर की संख्या 73545 है.

मतदान प्रतिशत

  • 2019 – 59.32 %
  • 2014 – 57.18 %
  • 2009 – 42.54 %

लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर

वर्षविजेतारनर अप
201954.61%30.51%
201426.11%16.72%
200917.17%9.01%

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