सीतामढ़ी. रीगा चीनी मिल से जुड़े हजारों किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान की दिशा में प्रशासन के स्तर से तेजी से कार्रवाई की जा रही है. कई वर्षों बाद ही सही प्रशासन के कदम से हजारों किसानों ने बड़ी राहत की सांस ली है. यह बात अलग है कि गन्ना की आपूर्ति के दौरान ही किसानों को पैसा मिला होता, तो सोच के अनुरूप उसका उपयोग कर लिए रहते. गौरतलब है कि गन्ना की खेती से प्राप्त आय से किसान अपनी कई जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं. बहुत से किसान पुत्रियों की शादी में खर्च के लिए गन्ना के पैसे पर निर्भर रहते है, तो कई किसान महंगी इलाज कराते है. कर्ज का चुकता समेत अन्य कई जरूरी कार्यों के लिए किसान चीनी मिल से भुगतान की आस लगाए रहते है. आठ-नौ वर्ष गन्ना की आपूर्ति करने वालों को समय पर भुगतान नहीं मिला, ऐसे किसानों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक स्थिति की सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. — भुगतान की दिशा में तेजी से काम डीएम के निर्देश के बाद गन्ना मूल्य के लंबित भुगतान के लिए डीएओ ब्रजेश कुमार द्वारा कार्रवाई तेज कर दी गई है. उन्होंने सभी बीएओ को किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक से किसानों की सूची का सत्यापन कराने को कहा है. उक्त कार्य एक सप्ताह के अंदर ही पूरा कराने का टास्क सौंपा है. डीएओ ने कहा है कि सत्यापित सूची की रिपोर्ट डीएम द्वारा गठित समिति को समर्पित किया जाना है. तीन बिंदुओं पर सत्यापन करना है. उसकी जानकारी सभी बीएओ को दे दी गई है. इसकी पुष्टि रीगा चीनी मिल के वरीय गन्ना प्रबंधक अमरेंद्र कुमार सिंह ने है. गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष- 2017-18 के नौ किसानों का एक लाख 18 हजार 635 रुपये, वर्ष- 2018-19 के 8199 किसानों का 19,79,48,421 रुपया एवं वर्ष- 2019-20 के 8356 किसानों का 31,49,84,820 रुपये यानी कुल 16564 किसानों का 51,30,91,876 रुपये बकाया है.
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