प्रतिनिधि सीतामढ़ी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ एस सिद्धार्थ ने विभागीय व्यवस्था में सुधार के लिए पूर्व के निर्देशों में बदलाव कर दिया है. यानी अगले माह से डीइओ सिर्फ शैक्षणिक गतिविधि पर ध्यान फोकस करेंगे. वे स्कूलों के निर्माण कार्य से संबंधित दायित्वों से मुक्त कर दिए गए हैं. 50 हजार तक का निर्माण व मरम्मत का कार्य संबंधित प्रधान शिक्षक करेंगे. इस आशय को लेकर विभागीय एसीएस ने सभी डीइओ को पत्र भेजा है. सीतामढ़ी डीइओ को भी यह पत्र प्राप्त हुआ है. एसीएस ने कहा है कि निर्माण कार्यों के लिए विभाग से सीधे प्रधान शिक्षक के खाते में राशि आवंटित की जायेगी.
— निर्माण कार्यों का पर्याप्त अनुश्रवण नहीं
जारी पत्र में एसीएस ने कहा है कि निरीक्षण व समीक्षा में पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन अनेकों एजेंसियां कर रही है. जिला स्तर से असैनिक कार्यों को कराए जाने से डीइओ, डीपीओ व बीइओ शैक्षणिक कार्यों के अनुश्रवण में पर्याप्त समय नहीं देते हैं. वर्तमान में यह प्रावधान है कि डीइओ अधिकतम 50 लाख तक की योजना ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में एक ही स्कूल में अनेक संवेदक कार्यरत देखे गए हैं. इधर, निगम 50 लाख से अधिक की योजनाओं के लिए प्राधिकृत है.
— अब निगम करायेगा सभी विकास कार्य
शिक्षा विभाग ने 31 मार्च 2025 के बाद अब सभी प्रकार के विकास कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड से कराने का निर्णय लिया है. प्रधानाध्यापक अपने स्तर पर मरम्मती का कार्य करा सकेंगे, जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार होगी. 31 मार्च 2025 के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि डीइओ को नहीं दी जाएगी. निर्माण कार्य के लिए विभाग सीधे निगम को राशि उपलब्ध कराया जायेगा. डीइओ निर्माण कार्यों की समीक्षा कर अद्यतन भुगतान कर अभिलेख 31 मार्च 2025 तक बंद कर देंगे. इसके बाद कोई योजना लंबित रहती है, तो निगम लिमिटेड को सौंप दी जाएगी.
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