पुपरी. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में शुक्रवार को नगर के टावर चौक के समीप लोहापट्टी में राजयोग प्रशिक्षण केंद्र में संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा की 60वीं स्मृति दिवस मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि पटना के ब्रह्माकुमारी मधु बहन ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस यज्ञ को विश्व स्तर पर पहचान देने वाली ब्रह्मोत्सव की पालना करने वाली, ब्रह्मकुमारी की नींव बनकर सर्व आत्माओं को शिव परमात्मा का संदेश देने वाली हमारी मम्मा है. मातेश्वरी जगदंबा का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि परमात्मा शिव की शिक्षाओं को पूरे विश्व में प्रत्यक्ष करने में संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका बनी. उन्होंने कहा कि हमें मम्मा की तरह एक परमात्मा में संपूर्ण विश्वास रखना है. रोज अंदर से अवगुणों को निकाल मम्मा के समान संपूर्ण गुणवान बनना है. हमें मम्मा के समान आज्ञाकारी, वफादार और फरमान वरदान बनना है. उनके द्वारा बताई गई अनमोल शिक्षा को अपने जीवन में उतारना है. मम्मा का लौकिक जन्म 1920 में अमृतसर पंजाब में हुआ था. 28 वर्ष के निरंतर ज्ञान मंथन व तीव्र पुरुषार्थी के बाद 24 जून 1965 में मम्मा ने विश्व परिवर्तन के महान कार्य को पूर्ण कर संपूर्णता को प्राप्त किया. पुपरी केंद्र की प्रभारी बीके सिंधु रानी बहन ने कहा कि मम्मा हमेशा कहा करती थी कि “हर घड़ी अंतिम घड़ी “. हमें मम्मा के समान निमित्त और निर्माणचित बनना है. जैसे मम्मा का संपूर्ण निश्चय एक परम पिता परमात्मा निराकार शिव बाबा में था. हमें भी परमात्मा पर संपूर्ण निश्चय रखना है. बीके पल्लवी बहन ने कहा कि मम्मा ने विश्व को शांति और प्रेम का संदेश दिया. जीवन को कमल के फूल समान दिव्य बनाने व दिव्य संस्कारों से अपने को भरपूर बनाने का संदेश दिया. बाद में ब्रह्मा भोग का प्रसाद वितरित किया गया. मौके पर साधना, सुनैना, नीता, मंजू, डौली, खुशबू बहन, रितेश रंजन, मुकेश, प्रभाकर व आनंद भाई समेत अन्य मौजूद थे.
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