इन पौराणिक स्थलों के होंगे दर्शन
जानकारी के मुताबिक, माता जानकी मंदिर का दर्शन करने के साथ-साथ लोगों को हलेश्वर स्थान महादेव मंदिर, पुंडरीक ऋषि आश्रम पुंडरीकेश्वर धाम, सीताकुंड, नगर के जानकी मंदिर और उर्विजा कुंड, डोली का पहला विश्राम स्थल पंथपाकड़ धाम और दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर जैसे प्रमुख और पौराणिक जगहों के दर्शन होंगे.
सपना होने वाला है साकार
पुनौराधाम के महंत कौशल किशोर दास की माने तो, इस मंदिर का सपना वर्षों से मिथिलावासियों के दिलों में था, जो अब साकार हो रहा है. 11 पवित्र नदियों के जल से मंदिर की आधारशिला रखी जायेगी जो कि भारतीय संस्कृति की एकता और शुद्धता का प्रतीक है. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मंदिर के निर्माण से पहले कई तरह की तैयारियां की जा रही है.
खास लाल पत्थर से होगा निर्माण
माता जानकी मंदिर का निर्माण खास ‘रेड सैंडस्टोन’ यानी कि लाल बलुआ पत्थर से किया जाएगा. यह पत्थर बेहद ही खास माना जाता है. पत्थर की चमक और महीन बनावट, इसे खास बनाती है. इसके साथ ही यह अपनी मजबूती के लिए भी प्रसिद्ध है. दरअसल, पत्थर की खूबसूरती के साथ-साथ इसकी एकरूपता, मजबूती और चमक सालों तक कायम रहेगी.
8 अगस्त को रखी जाएगी आधारशिला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 8 अगस्त को मंदिर की नींव रखेंगे. देश के 11 पवित्र नदियों के जल से मंदिर की नींव रखी जाएगी. इसके साथ ही 6 अगस्त से लेकर 8 अगस्त तक भव्य कार्यक्रम भी होगा. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे. वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन में शामिल होकर वातावरण को और भी आध्यात्मिक बनाएंगे.
Also Read: Pitru Paksha 2025: इस बार पितृपक्ष मेले में होगा ये खास इंतजाम, सस्ती रोटी के साथ मिलेंगी और भी कई सुविधाएं