डुमरा. मॉनसून की बेरुखी से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों को एक ओर खेत में लगे धान का बिचड़ा बचाने तो दूसरी ओर रोपनी के लिए बारिश का इंतजार है. कई किसानों ने पंपसेट के सहारे धान की रोपनी कर रहे हैं. साथ ही खेतों में लगातार सिंचाई कर बिचड़ा को भी बचा भी रहे हैं. किसानों की माने तो शीघ्र ही यदि बारिश नहीं हुई तो धान उत्पादन प्रभावित होगा. साथ ही किसानों को भी भारी नुकसान होगा. कृषि विभाग के अनुसार, जिले में जुलाई माह में अबतक महज 23 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है. बताया गया हैं कि इस वर्ष धान आच्छादन का लक्ष्य एक लाख 84 हजार 416 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है.
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