डुमरा. बेलसंड प्रखंड के भंडारी पंचायत में मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण योजना में अनियमितता का मामला पाया गया हैं. डीएम रिची पांडेय ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने एवं राशि की वसूली का आदेश दिया हैं. बताया गया हैं कि भंडारी पंचायत में पशु शेड निर्माण योजना में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुआ था. सीपीग्राम पोर्टल पर राजीव कुमार द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद की जांच कार्यपालक अभियंता, मनरेगा से कराया गया. उनके द्वारा सौपे गए जांच प्रतिवेदन में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर डीएम ने संबंधित कार्य एजेंसी सहित पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक, मनरेगा के कनीय अभियंता, एकाउंटेंट व बेलसंड के पीओ से अनियमित व्यय की राशि सामान अनुपात में वसूली करने व सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि भंडारी पंचायत में पशु शेड निर्माण की तीन योजनाओं में से एक शेड का निर्माण स्थल पर कोई अस्तित्व ही नहीं मिला. उक्त शेड की न तो एमआईएस पर फोटोग्राफ अपलोड की गई थी न ही कोई अभिलेख उपलब्ध पाया गया. इस योजना की कुल लागत 81 हजार 331 रूपये हैं. इसके अलावे पंचायत समिति सदस्य सह उपप्रमुख पर भी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है. जांच में पाया गया कि उनके द्वारा एक ही परिवार के तीन सदस्यों को पशु शेड का लाभ दिलाया गया, जिसे पद के दुरुपयोग की श्रेणी में माना गया है. इस अनियमितता को लेकर डीएम ने स्पष्ट किया है कि मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पारदर्शी ढंग से पहुंच सके.
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