रीगा. प्रखंड क्षेत्र के राम जानकी जमुनिया मठ पर आयोजित श्री राम कथा के अंतिम दिन आचार्य राघवेंद्र दास जी महाराज ने सतयुग, द्वापर व त्रेता युग के गुण-दोषों पर प्रकाश डालते हुए कलयुग का विस्तार से चर्चा किया. कलयुग में होने वाले विनाश, मानव में बढ़ती विकृति के कारण, आमलोगों के हृदय में बढ़ते सुविचार की विस्तार से चर्चा की. पिता, माता, पुत्र, भाई, बहन, समाज के बीच घटते संस्कार से होने वाले महा विनाश से सचेत रहने का आह्वान किया. कहा कि इन तमाम कुविचारों व कुसंस्कारों से बचने का एकमात्र उपाय राम नाम का जाप है. आचार्य राघवेंद्र दास ने कहा कि अपना कर्म करते हुए राम नाम का सुबह शाम सच्चे मन से जाप करने वाला कभी दुखी नहीं हो सकता. विश्वास न हो तो आजमाकर देखा जा सकता है. उन्होंने भौतिक सुखों से बचते हुए प्राकृतिक सौंदर्य का प्रेमी बनने पर बल दिया व प्रकृति से प्रेम से होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला. बताया गया कि कार्यक्रम की सफलता में नथुनी राय पटेल, भरत महतो, महेश राय व राम अवतार महतो समेत अन्य का सराहनीय योगदान रहा. मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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