सीतामढ़ी. बिहार में मतदाता गहन पुनरीक्षण शुरु करने से आमजन की परेशानी तथा इसे पूरे देश में लागू करने की योजना पर लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) ने चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीमा कोर्ट में जनहित याचिका डाली है. इस पर चुनाव आयोग तथा संबधित को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई की अगली तिथि तय की है. पीयूसीएल के बिहार अध्यक्ष डॉ आनंद किशोर ने मंगलवार को बताया कि जनहित याचिका बिहार पीयूसीएल तथा राष्ट्रीय पीयूसीएल के महासचिव द्वारा दायर किया गया है. याचिका में आयोग के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 तथा 326 का उल्लंघन बताया गया है. इस संबंध में न्यायालय से शीघ्र सुनवाई की भी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मांग की, परंतु न्यायालय द्वारा आयोग को नोटिस देने के साथ सुनवाई की तिथि तय की गयी. याचिका में पुनरीक्षण अवधि एक माह होने से बडी संख्या में मतदाताओं को मतदाता सूची से छूटने की भी आशंका जतायी गयी है. याचिका में विना उचित कारण बताये पुनरीक्षण आदेश जारी करने का भी आयोग पर आरोप है. पीयूसीएल के अतिरिक्त भी विभिन्न संगठनों तथा राजनीतिक दलों ने भी उंच्चतम न्यायालय में याचिका डाली है.
संबंधित खबर
और खबरें