सीतामढ़ी. मदरसा बोर्ड को जिले में संचालित मदरसों की जांच रिपोर्ट अबतक नहीं भेजी जा सकी है. बोर्ड द्वारा एक बार फिर डीईओ से मदरसों की जांच रिपोर्ट मांगी गई है. गौरतलब है कि डुमरा प्रखंड के मेहसौल गांव निवासी अलाउद्दीन बिस्मिल के एक मुकदमें के आलोक में हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग को अनुदानित तमाम मदरसों की जांच करा रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया है. विभिन्न जिलों से सैकड़ों मदरसों की जांच रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. अब भी 353 मदरसों की जांच पूरी नहीं की जा सकी है, जिसमें सीतामढ़ी के भी कुछ मदरसे शामिल है.
मदरसा बोर्ड के सचिव ने सीतामढ़ी समेत 22 जिलों के डीईओ को भेजे पत्र में कहा है कि मो अलाउद्दीन बिस्मिल के वाद के आलोक में हाइकोर्ट, पटना के 24 जनवरी 2023 को पारित आदेश के अनुपालन में नौ फरवरी 23 को शिक्षा विभाग के एसीएस द्वारा 1637 मदरसों की स्थलीय जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा था. इसके बाद भी स्मारित भी किया गया. तब भी बोर्ड को 353 मदरसों की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है. बोर्ड ने हाइकोर्ट का मामला बताते हुए जांच रिपोर्ट की हार्ड व सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने को कहा है. बताया गया है कि जिले के 88 मदरसों में से संभवत: तीन से चार मदरसों की जांच होनी बाकी है. बोर्ड ने उक्त पत्र अररिया, भागलपुर, बांका, बेगूसराय, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, रोहतास, जमुई, कैमुर, सिवान, सीतामढ़ी, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर व पश्चिमी चंपारण के डीईओ को भेजा है.
— फर्जी तरीके से 88 मदरसों की स्वीकृति !
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