सीतामढ़ी. सीतामढ़ी से पटना तक का ट्रेन से सफर अब भी कठिनाई भरा है. सुबह 5.30 बजे सुगौली से खुलने वाली सुगौली-दानापुर मेमू एक्सप्रेस ट्रेन की हालत यह है कि सीतामढ़ी जंक्शन पहुंचने से पहले ही इसकी बोगियों में पांव रखने तक की जगह नहीं रहती है. जबकि इस ट्रेन में बोगियों की संख्या बढ़ाने की लगातार मांग की जा रही है. सुबह 8.00 बजे जब उक्त ट्रेन सीतामढ़ी जंक्शन पहुंचती है तो भीड़ की रेलमपेल के बीच यात्री बोगियों में चढ़ने को लेकर मशक्कत करते ही दिखते है. इधर, केंद्रीय रेलवे रेलयात्री संघ एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार सुन्दरका एवं डीआरयूसीसी के पूर्व सदस्य आलोक कुमार ने रेलमंत्री, सांसद सहित रेलवे के पदाधिकारियों को पत्र भेजकर अविलंब कोच बढ़ाने, नयी समय सारिणी लागू करने और ट्रेन को पटना जंक्शन ले जाने की मांग की है. बताया है कि ट्रेन के सुगौली से सीतामढ़ी पहुंचते-पहुंचते इतनी भीड़ हो जाती है कि कोच में पांव रखने की जगह नहीं होती. यात्रियों में पुरुषों के साथ महिलाएं और लड़कियों की संख्या भी उतनी ही होती है व यात्री खड़े होकर या भीड़ में दबकर सफर करते हैं. — तपती गर्मी में सफर करने वाले यात्रियों का बुरा हाल तपती गर्मी में भीड़ से यात्रियों में विशेषकर छोटे बच्चों, महिलाओं व बुजुर्ग के बेहोश होने की संभावना बढ़ जाती है. सुन्दरका ने कहा कि ट्रेन सुगौली-दानापुर की समय सारिणी को यात्रियों की सुविधा के अनुकूल किया जाए एवं विभिन्न स्टेशनों के मध्य लग रहे अधिक मार्जिन समय को कम किया जाए एवं ट्रेन में तीन एसी कोच सहित कोच की संख्या बढ़ाकर 22 हो. ट्रेन की समय सारिणी इस प्रकार हो कि ऑफिस, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, आजीविका स्थल एवं वहां मिलने वाली कनेक्टिंग ट्रेन के समय को ध्यान में रखते हुए ट्रेन सुबह 10 बजे पटना पहुंचे और ऑफिस समय के बाद पटना से संध्या 5.30 बजे खुले. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी, ट्रेन की उपयोगिता कई गुणा बढ़ जाएगी और रेलवे का राजस्व भी काफी बढ़ेगा.
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