सीतामढ़ी. पिछले 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू भगवान भूत-भावन शिव महादेव को समर्पित श्रावण मास का आज पहला सोमवार है. वैसे तो साधक, संत, महंत समेत अलग-अलग भक्त अलग-अलग ढ़ंग से सावन के पहले दिन से ही भगवान शिव की भक्ति में जुट गये थे. सावन के पूरे महीने भर शिव की भक्ति करने वाले शिव भक्त शिवालयों में दैनिक जलाभिषेक करना पहले दिन से ही शुरू कर चुके हैं. कहीं अलग-अलग धार्मिक आयोजनों की शुरुआत पहले दिन से ही हो चुकी है, लेकिन श्रावणी सोमवार को भगवान शिव की भक्ति का खास महत्व है, इसलिए इस दिन तमाम छोटे-बड़े शिवालयों में चार बजे भोर से ही शिवालयों की घंटियां बजने लगती है और शिवलिंग का जलाभिषेक शुरू हो जाता है. तमाम शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और जलाभिषेक एवं पूजन-अर्चन के लिए सुबह से शाम तक भक्तों के कतार लगे रहते हैं. वहीं, पंडित मुकेश कुमार मिश्र के अनुसार, श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को विशेषकर सभी उम्र वर्ग की सुहागन स्त्रियां एवं युवतियां भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवारी का व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव और गौरी-गणेश इत्यादि देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना करत अपने मन की कामना भगवान शिव महादेव को बताती हैं और अपने एवं अपने परिवार के कल्याण की कामना करती हैं.
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