सीवान. गुरुवार की दोपहर हुई बेमौसम बरसात ने किसानों को काफी आहत किया है. खेतों में खड़ी गेहूं की फसल भीगने से हानि की संभावना बढ़ गयी है. एक अनुमान के मुताबिक अभी किसानों की 70 फीसदी गेहूं की फसल खेतों में पड़ी है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष एक लाख 11 हजार 988 हेक्टेयर में गेहूं की बावग हुई थी जिसमें अभी 30 से 35 फीसदी यानी 39196 हेक्टेयर में लगी फसल की कटनी हुई है. वहीं 72 हजार 792 हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगी है. बताते चलें कि किसान अपने खेतों में गेहूं की कटनी कर छोड़ दिया था, तो कहीं दवनी के लिए एक जगह कटनी के बाद गेहूं जमा कर दिया था. बताते चलें कि बुधवार की रात लगभग 2 बजे अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. तेज हवा के बाद बूंदाबूांदी भी हुई. हालांकि कुछ देर बाद मौसम सामान्य हो गया. लेकिन गुरुवार की सुबह से एक बार फिर आसमान में काले घने बादल छा गए. हवा के साथ बिजली कड़कने लगी. दोपहर बाद मूसलाधार बारिश होने लगी. जिला कृषक पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि शुक्रवार से यदि मौसम साफ होना शुरू हो जायेगा, तो गेहूं की फसल को कम नुकसान होगा. हालांकि गेहूं के दाने की चमक (लक्सचर) कम हो जायेगी. इससे व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर गेहूं की खरीद के लिए किसानों पर दबाव बनायेंगे. ऐसे में 20 से 50 रुपये तक की गिरावट प्रति कुंतल हो सकती है. इधर, गेहू के साथ-साथ अन्य फसलों को लेकर भी किसान चिंतित दिख रहे हैं. खेतों में तैयार सरसों, तोरी, मसूर, खेसारी की फसल पानी में भीग कर खराब हो सकती है. इधर, बारिश होने से शहरी क्षेत्र के कई ऐसे निचली मुहल्ले हैं, जहां जलजमाव देखने को मिला. शहर की नयी बस्ती, पाल नगर, फतुलही, पंच मंदिरा, लखरांव, आदर्श न नगर सहित अन्य मुहल्ले हैं जहां अबतक न ही सड़क हैं और न ही नाली है. लोग कीचड़ पानी से परेशान हो गये.
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