मिली जानकारी के मुताबिक, बिल्ली के काटने के बाद किन्नर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन जब उन्होंने काउंटर पर इंजेक्शन के लिए आवेदन किया, तो स्टाफ ने आधार कार्ड मांगा. किन्नरों का आरोप है कि आधार कार्ड न देने पर उनसे पैसे मांगे गए, जिसके बाद उन्होंने विरोध शुरू कर दिया.
अस्पताल प्रशासन ने किया इनकार
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डॉग बाइट के मरीजों को रेबीज का इंजेक्शन देने के लिए आधार कार्ड जरूरी होता है. वहीं, किन्नरों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में बिना आधार कार्ड इलाज क्यों नहीं हो सकता? इस घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और स्टाफ तथा किन्नरों के बीच तीखी बहस हो गई. किन्नरों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उनसे जबरन पैसे मांगे गए, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि नियमानुसार आधार कार्ड जरूरी होता है.
अब इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. क्या सरकारी अस्पताल में बिना आधार कार्ड के मरीजों को इलाज नहीं मिलेगा? इस घटना ने व्यवस्था पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: हिंदू रानियां राजनीतिक समझौते की वजह से मुगल हरम तक पहुंचीं, लेकिन नहीं मिला सम्मान