बिहार के सीवान जिले की एक बच्ची 2 जुलाई को स्कूल से ही लापता हो गयी. बाद में उसका शव सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से तीन जुलाई को बरामद हुआ. खुशी के पिता की मृत्यु तब हो चुकी थी जब वो तीन साल की ही थी. उसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली तो खुशी अपने बुआ के घर ही रहती थी. बुआ ने खुशी के बड़े पापा पर आरोप लगाए हैं. खुशी का शव उसके बड़े पापा के घर के दरवाजे के सामने ही सबने दफना दिया.
बड़े पापा के घर के सामने बच्ची को दफनाया
अनाथ छात्रा खुशी की हत्या मामले में पुलिस ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. शुक्रवार की देर शाम को खुशी के बुआ के परिजनों और ग्रामीणों ने खुशी के शव को उसके बड़े पापा देवनाथ कुशवाहा के घर के सामने ही दफना दिया. खुशी की बुआ के आवेदन पर उसके बड़े पापा, बड़ी मम्मी समेत अन्य लोगों के ऊपर संपत्ति हड़पने के लिए केस दर्ज कराया गया है.
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पिता की मौत के बाद दूसरी शादी करके चली गयी मां, बुआ कर रही थी परवरिश
खुशी के पिता की मौत काफी पहले ही हो गयी थी. मां ने दूसरी शादी कर ली और चली गयी. अनाथ खुशी को उसकी बुआ ने अपने घर बड़गांव में ही रखा. दो जुलाई को खुशी स्कूल के लिए निकली और बड़गांव स्थित अपने सरकारी स्कूल से ही लापता हो गयी. 10 वर्षीय खुशी पांचवी कक्षा में पढ़ती थी. काफी खोजबीन के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला लेकिन अगले दिन उसकी लाश बरामद हो गयी.
बेटा भी हो गया उसी दिन लापता
इस मामले एक नया मोड तब आया जब खुशी का बड़ा भाई 14 वर्षीय आकाश भी लापता हो गया. आकाश की बुआ के परिजनों ने बताया कि दो जुलाई को आकाश लुधियाना जाने निकला था लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है. हालांकि थाना प्रभारी भरत साह अभी कुछ बताने से इंकार कर रहे. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.