प्रतिनिधि, गुठनी. सीएचसी में आज तक किसी भी महिला डॉक्टर की तैनाती न होने से महिला मरीजों को परेशानी होती है. विभाग महिला डाक्टर की तैनाती पर कुछ भी कहने से कतरा रहा है. सीएचसी में नगर पंचायत सहित 10 पंचायतों के करीब 98 गांवों से सैकड़ों मरीज रोज यहां आते है . सीएचसी में उस समय अफरा तफरी मच जाती है जब एक्सीडेंटल केस, मारपीट के गंभीर मामले, वर्न केस सामने आ जाते है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि महिला चिकित्सक के नहीं होने से महिला मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सीएचसी में वर्तमान में एमओआइसी सहित चार चिकित्सक तैनात हैं. चिकित्सकों द्वारा मरीजों को उपचार के नाम पर सिर्फ जरूरी परामर्श कर पर्चा पर दवा लिखा जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिल्डिंग भले ही 30 शैय्या के अस्पताल की हो लेकिन जरूरी उपकरण के अभाव में लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है. चिकित्सक मरीज से बीमारी पूछकर दवा लिखकर दे देते हैं. ज्यादा गंभीर बीमारी होने पर रेफर कर दिया जाता है. सामान्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के उपचार के नाम पर सिर्फ एंटीबायोटिक गोलियों से काम चलाया जाता है. इस संबंध में सीएचसी के प्रभारी डॉ. शब्बीर अख्तर का कहना है कि सीमित साधनों में महिला रोगियों के लिए बेहतर करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा कि महिला डॉक्टर की अनुपस्थिति में सीएचसी में तैनात एएनएम और आशा से काम लिया जाता है. बताया कि 82 महिलाओं को अभी तक फैमिली प्लानिंग का लाभ मिला है. उनका कहना है कि सीएचसी में महिलाओं के लिए अलग काउंटर व डॉक्टर की व्यवस्था होने से उनको अलग तरीके से लाभ मिल सकता है. उनका कहना था कि जिले के वरीय अधिकारियों से महिला डॉक्टर की तैनाती के लिए लिखा गया है. सीएचसी में स्वास्थ्य कर्मियों की है कमी सीएचसी के प्रभारी डॉ. शब्बीर अख्तर का कहना है कि सीएचसी में 22 एएनएम, 5 जीएनएम व 132 आशा हैं. उन्होंने कहा कि मात्र तीन डॉक्टरों के सहारे सीएचसी को संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सीएचसी में स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है. जिसके लिए कई बार विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से कहने के बावजूद भी सीएचसी में किसी की तैनाती नहीं हो पाई है. उनका कहना था कि चाइल्ड एक्सपर्ट, हड्डी रोग, नस रोग, इएनटी, ड्रेसर की कमी है.
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