प्रतिनिधि, सीवान. सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को साल में दो बार प्रशिक्षण लेना होगा. ट्रेनिंग का उद्देश्य स्कूली शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण का और विस्तार करना है. प्रभारी डीइओ रजनीश कुमार झा ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा. इस योजना पर योजनाबद्ध तरीके से अमल की जिम्मेदारी विभाग द्वारा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को सौंपी गई है. विभाग के स्तर से इसको लेकर विहित प्रारूप में एससीईआरटी को विस्तृत कार्य योजना भेज दी है. प्रभारी डीइओ ने बताया कि इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नियमित रूप से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में किया जाएगा. जिसमें प्रत्येक शिक्षक शिक्षिका की अपनी बारी के अनुसार भागीदारी अनिवार्य होगी. इस दौरान उन्हें नवीनतम शिक्षण तकनीकों और शैक्षिक दृष्टिकोणों से अवगत कराया जाएगा. जिससे शिक्षक छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ा सके. प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई प्रशिक्षण में भाग नही लेने वाले शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ. एस सिद्धार्थ ने निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा है कि शिक्षक शिक्षिकाओं के शैक्षणिक कार्यों का मूल्यांकन प्रशिक्षण की उपलब्धियों के आधार पर किया जायेगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डायट के साथ साथ एससीईआरटी और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण आयोजित किए जाने की योजना निर्धारित की गई है. यदि कोई शिक्षक व शिक्षिका इस प्रशिक्षण में भाग नहीं लेता है, तो उसके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जायेगी. साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी.
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