Corona outbreak in Bihar: मुंबई से आये दंपत्ति में दिखे कोरोना के लक्षण, सहमे पति-पत्नी ने जांच की लगायी गुहार

बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में सीवान जिला अन्य तीन जिलों के साथ हॉट स्पॉट होने के बाद जिले के अधिकारी संक्रमण रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहें हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारी हो या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सभी अपनी-अपनी ढफली के साथ अपना-अपना राग अलापने में लगे हैं. सभी पदाधिकारियों में सामंजस्य नहीं होने के कारण कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अपनी जांच कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही आरोप पचरुखी प्रखंड की सुरवाला पंचायत के नरहट गांव एक व्यक्ति ने सीएमओ बिहार तथा पीएमओ इंडिया के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर अपनी तथा पत्नी की कोरोना जांच कराने का अनुरोध किया है. मालूम हो कि आवेदक सीवान जिले के कोरोना पॉजिटिव प्रखंड क्षेत्र का है. इसके बावजूद बिना जांच के उन्हें बार-बार लौटा दिया गया.

By अमरनाथ शर्मा | April 15, 2020 9:22 PM
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सीवान : बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में सीवान जिला अन्य तीन जिलों के साथ हॉट स्पॉट होने के बाद जिले के अधिकारी संक्रमण रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहें हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारी हो या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सभी अपनी-अपनी ढफली के साथ अपना-अपना राग अलापने में लगे हैं. सभी पदाधिकारियों में सामंजस्य नहीं होने के कारण कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अपनी जांच कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही आरोप पचरुखी प्रखंड की सुरवाला पंचायत के नरहट गांव एक व्यक्ति ने सीएमओ बिहार तथा पीएमओ इंडिया के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर अपनी तथा पत्नी की कोरोना जांच कराने का अनुरोध किया है. मालूम हो कि आवेदक सीवान जिले के कोरोना पॉजिटिव प्रखंड क्षेत्र का है. इसके बावजूद बिना जांच के उन्हें बार-बार लौटा दिया गया.

मामले की गंभीरता देखते हुए स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने सीवान के जिलाधिकारी को मामला देखने का निर्देश दिया है. पचरुखी प्रखंड की सुरवला पंचायत के नरहट गांव निवासी ने पिंटू कुमार सिंह के ट्वीटर अकाउंट से पीएम, सीएम और स्वास्थ विभाग को ट्वीट कर बताया कि वह पत्नी के साथ पांच मार्च को को मुंबई से अपने गांव आया है. इस दौरान दंपत्ति के स्वास्थ्य में परिवर्तन आया और सर्दी -जुकाम तथा बदन दर्द की शिकायत आयी. वह पत्नी को लेकर सदर अस्पताल गया और सारा विवरण बताया. अस्पताल से गोलियां और सिरप दिया गया. इसके बाद सर्दी-खांसी की समस्या का हल हो गया.

पंद्रह दिनों के बाद 21 मार्च को महिला को सर्दी-जुकाम तथा बदन दर्द के साथ बुखार आया. इसके बाद गांव के एक ग्रामीण डॉक्टर से दवा ली. लेकिन, पांच दिनों बाद भी राहत नहीं मिली. इसके बाद ग्रामीण डॉक्टर ने पुन: इंजेक्शन और दवा दी. फिर भी परेशानी दूर नहीं हुई, तो पीड़ित व्यक्ति पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा और सभी विवरण बताया. वहां से टेबलेट मिला. लेकिन, जब आराम नहीं मिला, तो पुन: वह सदर अस्पताल गया तथा डॉक्टर से शिकायत की. उसने सदर अस्पताल के डॉक्टर से पत्नी की कोरोना जांच का अनुरोध पत्र लिखा. सीवान सदर के डॉक्टर ने दंपत्ति को डीएवी पब्लिक स्कूल भेजा गया और वहां जाकर जांच कराने की बात कही गयी. जब वह व्यक्ति डीएवी पब्लिक स्कूल स्थित कोरोना संग्रहण केंद्र पहुंचा, तो वहां मौजूद चिकित्सक ने बिना जिलाधिकारी के आदेश के जांच करने से इनकार कर दिया.

ग्रामीणों के सुझाव पर गांव के मुखिया से सहयोग मांगा, तो उन्होंने प्रखंड को सूचित किया, तो एक चिकित्सक आये, मगर फिर भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. स्वास्थ सचिव ने ट्विटर पर मिली शिकायत पर सीवान के जिलाधिकारी को सूचित करते हुए मामले को निबटाने की बात कही गयी है. इसकी जानकारी आवेदक को भी दी गयी है. आवेदक ने दूरभाष पर प्रभात खबर को बताया कि जिला प्रशासन से फोन आया था और जांच के लिए बुलाया गया है.

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