सीवान. बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ सीवान ने जिला शिक्षा विभाग की कथित अनियमितताओं और शिक्षकों की लंबित समस्याओं के विरोध में दो जून से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है. संघ ने जिला शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और शिक्षकों के शोषण का आरोप लगाया है. जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह और जिला सचिव अशोक कुमार प्रसाद के नेतृत्व में संघ ने बताया कि शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के कारण शिक्षक और छात्र परेशान हैं. मध्याह्न भोजन योजना में चावल की कमी, विद्यालयों में खराब गुणवत्ता के फर्नीचर, सबमर्सिबल, पुस्तक और अन्य सामग्री की आपूर्ति और शिक्षकों के इपीएफ खातों में राशि जमा न होने जैसी समस्याएं बरकरार हैं. इसके अलावा 2015-17 और 2016-18 सत्र के सेवाकालीन शिक्षकों को विरमन तिथि से वित्तीय लाभ देने में देरी और दक्षता पास शिक्षकों के बकाया भुगतान में रिश्वत की मांग का भी आरोप लगाया गया. संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 27 मई को जारी बर्खास्तगी और रिकवरी आदेश को उच्च न्यायालय के 12 मई के अंतरिम आदेश की अवमानना करार दिया. इस आदेश में 30 जून तक कार्रवाई पर रोक लगायी गयी थी. संघ ने मांग की कि उक्त आदेश को तत्काल रद्द किया जाये. इसके अतिरिक्त विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर शिक्षक नियुक्ति, भवनहीन और चहारदीवारी विहीन स्कूलों के लिए व्यवस्था और प्रखंड संसाधन केंद्रों पर आवेदनों की रसीद देने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गयी. संघ ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालयों में शिक्षकों के साथ बदतमीजी और लंबित कार्यों में देरी आम बात हो गयी है. पूर्व में विरोध प्रदर्शन और मांग पत्र सौंपने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ. संघ ने मीडिया से आंदोलन का समाचार बनाने और समर्थन देने की अपील की.
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