प्रतिनिधि, सीवान. भारत सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को हेपेटाइटिस बी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है. यह पहल राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य 2030 तक हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमणों को समाप्त करना है. स्वास्थ्यकर्मी, विशेष रूप से डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन और सफाई कर्मचारी, अपने कार्य के दौरान संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने के कारण हेपेटाइटिस बी के उच्च जोखिम में होते हैं.ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या जिले के लगभग 7718 है. अध्ययनों से पता चला है कि सामान्य जनसंख्या की तुलना में स्वास्थ्यकर्मियों में हेपेटाइटिस बी संक्रमण की संभावना दो से चार गुना अधिक होती है.राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को हेपेटाइटिस बी का टीका मुफ्त में प्रदान कर रही है. इस कार्यक्रम में तीन खुराकों का टीकाकरण शेड्यूल शामिल है. टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी स्तर की जांच और आवश्यकतानुसार बूस्टर खुराक भी प्रदान की जाती है स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण सुनिश्चित करें और इस प्रक्रिया की निगरानी करें. इसके लिए राज्यों को आवश्यक वैक्सीन की आपूर्ति और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की जा रही है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सभी हेल्थ केयर वर्कर को हेपेटाइटिस बी का टीका लगाने का निर्देश प्राप्त हुआ है.सभी को वैक्सीन की तीन डोज लगायी जायेगी. टीकाकरण के लिए माइक्रो पालन बनाया जा रहा है. वैक्सीन की आपूर्ति होने के बाद टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
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