बारिश से मौसम हुआ सुहाना, गर्मी से मिली राहत

उमस भरी भीषण गर्मी से जूझ रहे जिला वासियों को सोमवार को तेज धूप व गर्म हवा से राहत मिली. सोमवार को दिनभर आकाश में बादल छाये रहे. जिले के कई प्रखंडों में झमाझम बारिश हुई. वही तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. पिछले दिनों से जिला का तापमान 40- 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था.सोमवार को अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

By DEEPAK MISHRA | June 16, 2025 9:36 PM
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प्रतिनिधि, सीवान. उमस भरी भीषण गर्मी से जूझ रहे जिला वासियों को सोमवार को तेज धूप व गर्म हवा से राहत मिली. सोमवार को दिनभर आकाश में बादल छाये रहे. जिले के कई प्रखंडों में झमाझम बारिश हुई. वही तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. पिछले दिनों से जिला का तापमान 40- 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था.सोमवार को अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. तापमान में आई गिरावट से लोग राहत महसूस कर रहे है. जून महीने में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया था. सूरज भी पूरी आग बरसा रहा था और लोगों का घरों से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो गया था..इधर बारिश व आकाश में बादल देखकर किसानों के चेहरे खिल गये है. धान का बिचड़ा गिराने में जुटे किसान कई प्रखंडों में हुई बारिश तथा सुहावना मौसम को देखकर किसान धान का बिचड़ा गिराने में लग गए है. कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक लक्ष्य के 40 फीसदी ही धान का बिचड़ा गिराया गया है. सोमवार के दिन से बिचड़ा गिरने में तेजी आई है. आकाश में उमड़ते बादलों को देख किसानों के मुरझाए चेहरे पर अचानक रौनक लौट आई है. मौसम के मिजाज को भांप वे धान का नर्सरी की तैयारियों में जुट गए है. उन्हें भरोसा है कि मानसून के सक्रिय होने के बाद आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी. वहीं कृषि विभाग का मानना है कि इस बार अच्छी बारिश होगी. मृगशिरा नक्षत्र में भी नर्सरी लगाने से धान की अच्छी पैदावार सोमवार को हुई बारिश से अच्छी उपज को लेकर किसानों में खुशी है. किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है. जो किसान रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा लगाए है. उस बिचड़ा के लिए यह बारिश संजीवनी का काम किया. धान के सूख रहे बिचड़े में बारिश होने से काफी लाभ मिला. वही सब्जी की खेती के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगी. खरीफ फसल के लिए खेतों में धान की नर्सरी रोहिणी नक्षत्र में नर्सरी तैयार की गई थी.जो अधिक धूप होने से सुख रही थी. पौधों का ऊपर वाला हिस्सा पीला पड़ रहा था.किसी तरह खेतों की पटवन कर किसान पौधों को सुरक्षित रखने के लिए मेहनत कर रहे थे.कृत्रिम संसाधनों से नर्सरी में पानी डाला जा रहा था. इधर बारिश से धान के खेतों में पानी की कमी पूरी हो गई. मृगशिरा नक्षत्र में धान की नर्सरी लगाने से बढ़िया उत्पादन होता है.

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