
वीरपुर. मुहर्रम पर्व के अवसर पर वीरपुर में प्रस्तावित डिजनीलैंड मेले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. वीरपुर वार्ड नंबर 04 स्थित बालिका उच्च विद्यालय परिसर में पिछले तीन दिनों से मेले का साजो-सामान रखा गया है और प्रशासनिक स्तर पर इसकी स्वीकृति भी दी जा चुकी है. बावजूद इसके, स्थानीय भगत मोहल्ला के लोगों ने सोमवार को मेला न लगाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि मेले के आयोजन से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है और क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियों की संभावना भी बढ़ जाती है. विरोध दर्ज कराते हुए लोगों ने प्रशासन से मांग की कि इस बार मेला न लगाया जाए, वहीं दूसरी ओर डिजनीलैंड मेला के संचालक रिजवान ने कहा कि इस मेले से 60 से 70 परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है. यदि मेला नहीं लगाया गया तो इन मजदूरों और उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि मेला पूरी तरह से प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त है और वे स्थानीय लोगों की सभी शर्तें मानने को तैयार हैं. रिजवान ने बताया कि इस वर्ष मेले में किसी प्रकार का गीत-संगीत, ‘मौत का कुंआ’ या अन्य ऊंचे ध्वनि वाले कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे. ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग गाइडलाइन के अनुसार अधिकतम 75 डेसिबल तक ही किया जाएगा और वह भी शाम 04 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मेले में किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि को प्रवेश नहीं मिलेगा, जैसा कि पूर्व वर्षों में भी नहीं मिला. मामले को लेकर प्रशासन की भूमिका अब अहम हो गई है. एक ओर जहां स्थानीय लोगों की चिंताएं जायज प्रतीत होती हैं, वहीं दूसरी ओर मेला संचालकों और उससे जुड़े श्रमिकों की आजीविका का प्रश्न भी गंभीर है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन किस प्रकार सामंजस्य स्थापित कर विवाद को सुलझाता है.
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