कई देशों के लोग होंगे शामिल
बिहार के वैशाली जिले में विकसित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन 29 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया जाएगा. यह ऐतिहासिक स्मारक वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बनेगा. उद्घाटन समारोह में चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, भूटान, वियतनाम, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, मंगोलिया, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे 15 बौद्ध देशों के भिक्षुओं की सहभागिता संभावित है. स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है.
स्थापित किया जाएगा अस्थि कलश
72 एकड़ भूमि में फैले इस भव्य परिसर को 550.48 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. यह स्थल एतिहासिक पुष्करणी तालाब और मड स्तूप के समीप स्थित है. संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया जाएगा, जो 1958-62 की खुदाई में प्राप्त हुआ था और स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा. पूरी तरह पत्थरों से निर्मित यह स्तूप वंशी पहाड़पुर (राजस्थान) से लाए गए 42,373 बलुआ पत्थरों से टंग एंड ग्रूव तकनीक के माध्यम से जोड़ा गया है. यह संरचना आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से सुसज्जित है.
ओडिशा के कलाकारों ने तैयार की है प्रतिमा
ओडिशा के कलाकारों द्वारा निर्मित भगवान बुद्ध की प्रतिमा इस स्थल की विशिष्ट पहचान होगी. यह स्तूप न केवल वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नई दिशा देगा. विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार ने कहा कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है. यह स्मारक वैशाली को विश्व बौद्ध मानचित्र पर स्थापित करेगा और पर्यटन, संस्कृति व स्थानीय रोजगार को नई दिशा देगा.
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