आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के विधायकों के वेतन में की 300 फीसदी की वृद्धि, अब मिलेंगे इतने पैसे

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने एक बार फिर मंत्रियों, विधायकों का वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर का वेतन बढ़ाकर 90 हजार करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. उम्मीद है कि केंद्र उसे पास कर देगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2022 3:56 PM
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दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार ने राज्य के विधायकों के वेतन में तीन गुणा वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है. अगर दिल्ली सरकार (Delhi Government) के प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी मिल गयी, तो दिल्ली के विधायकों का वेतन (Salary Hike of MLA’s) 30 हजार रुपये से बढ़कर 90 हजार रुपये हो जायेगा. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी है.

30 हजार रुपये मिलता था विधायकों को वेतन

मनीष सिसोदिया (Delhi Dy CM Manish Sisodia) ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा में विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और विपक्ष के नेताओं का वेतन बढ़ाने का विधेयक पास हुआ है. पिछले करीब 11 साल से दिल्ली के विधायकों को 12,000 रुपये वेतन मिलता था, जिसे बढ़ाकर एक बार 30,000 रुपये किया गया था.

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अब 90 हजार रुपये हो जायेगा वेतन

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भत्ते सहित अब इस वेतन को 90,000 रुपये किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में इस पर कई बार चर्चा हुई है. केंद्र सरकार को इस पर कुछ आपत्ति थी और उन्होंने कुछ सुझाव दिये थे. हमने सुझावों को मानते हुए इसे पारित किया है. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसको पास कर देगी.

सरकार में आने के बाद विधायकों का बढ़ाया था वेतन

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाने से पहले कहा था कि उनकी पार्टी के नेता कोई वेतन-भत्ता नहीं लेंगे. न ही सरकारी गाड़ी और आवास लेंगे. लेकिन सरकार बनने के बाद उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने बंगले भी लिये. गाड़ी भी ली. अपना वेतन-भत्ता बढ़ा भी लिया.

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प्रधानमंत्री को दी थी ये सलाह

वेतन-भत्ता बढ़ाने की आलोचना हुई, तो अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को भी अपना वेतन बढ़ा लेना चाहिए. इंटरनेशनल लेवल पर मंत्रियों और सांसदों को जो वेतन मिलता है, उसी के अनुरूप भारत में भी प्रधानमंत्री को अपने सांसदों और मंत्रियों के लिए वेतनमान तय करना चाहिए.

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