हरियाणा और राजस्थान में भी हालत खराब
वायु गुणवत्ता का संकट सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ही नहीं झेल रही है. दिल्ली का पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब और हानिकारक स्तर पर दर्ज की गयी है.
राजस्थान
हनुमानगढ़ 401
भिवाड़ी 379
श्रीगंगानगर 390
हरियाणा
हिसार 454
फतेहाबाद 410
जींद 456
रोहतक 427
बल्लभगढ़ 390
बहादुरगढ़ 377
सोनीपत 458
कुरुक्षेत्र 333
करनाल 345
कैथल 369
भिवानी 365
फरीदाबाद 448
गुरुग्राम 366
उत्तर प्रदेश
गाजियाबाद 414
बागपत 425
मेरठ 375
नोएडा 436
ग्रेटर नोएडा 478
इन कामों पर लगा प्रतिबंध
इधर, दिल्ली-एनसीआर में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को घनी और दमघोंटू धुंध छाई हुई है और क्षेत्रों में कई स्थानों पर पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही. प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण को लागू करते हुए सीएक्यूएम ने गुरुवार को गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने वन विभाग को ठहराया जिम्मेदार
इधर, दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अनुमति देने का कारण बताए बिना लापरवाही से पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए वन विभाग पर सवाल उठाया साथ ही कोर्ट ने विभाग प्रदूषण के कारण राजधानी में व्याप्त गंदगी के लिए जिम्मेदार भी ठहराया. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण के कारण आज दिल्ली के नागरिक जिस गंदगी में हैं, उसके लिए वन विभाग जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने विभाग से सवाल करते हुए पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने बिना कारण बताए पेड़ों को काटने की अनुमति देने पर अवमानना याचिका पर विचार करते हुए यह बात कही है.
भाषा इनपुट के साथ