दिल्ली मेट्रो ने 1 महीने में बेचे 74 लाख से ज्यादा QR Code वाले पेपर टिकट, 32 फीसदी घटी टोकन की बिक्री

Delhi Metro: डीएमआरसी ने कहा है कि 30 मई तक क्यूआर कोड आधारित कुल 74,00,854 टिकटों की बिक्री की गई है. मेट्रो को उम्मीद है कि इस सेवा के शुरू होने के बाद यात्री टोकन टिकट का इस्तेमाल करना धीरे-धीरे कम कर देंगे. वहीं, अधिकारी ने बताया कि टोकन की बिक्री में 32 फीसदी की कमी आई है.

By Agency | June 4, 2023 8:53 PM
an image

Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC, डीएमआरसी) ने बताया कि एक महीने में करीब 74 लाख से ज्यादा क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट बेचे गये. डीएमआरसी ने कहा कि इस अवधि में टोकन की बिक्री 30 फीसदी से ज्यादा गिर गई है. डीएमआरसी ने आठ मई को क्यूआर कोड-आधारित कागज के टिकट की व्यवस्था शुरू की थी. डीएमआरसी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली मेट्रो की योजना धीरे-धीरे टोकन व्यवस्था खत्म करने की है. उन्होंने कहा कि भविष्य की कोई भी योजना डिजिटल तकनीक की बाधाओं को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी और इस बात को भी ध्यान में रखा जाएगा कि सभी यात्री स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं करते हैं.

डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 30 मई तक क्यूआर कोड आधारित कुल 74,00,854 टिकटों की बिक्री की गई है. मेट्रो को उम्मीद है कि इस सेवा के शुरू होने के बाद यात्री टोकन टिकट का इस्तेमाल करना धीरे-धीरे कम कर देंगे. हालांकि कई यात्रियों ने शिकायत की है कि क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकटों का इस्तेमाल करने के दौरान उन्हें ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) द्वारों पर तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

द्वारों पर नहीं है अब कोई खामी

डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब एएफसी द्वारों पर कोई तकनीकी खामी नहीं है. उन्होंने बताया कि पूरे नेटवर्क में लगभग 50 फीसदी एएफसी द्वार को क्यूआर कोड के अनुरूप कर दिया गया है. क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट की शुरुआत के बाद से टोकन की बिक्री में लगभग 32 फीसदी की गिरावट आई है. फिलहाल, मेट्रो स्टेशन काउंटर से यात्री टोकन के अलावा क्यूआर कोड आधारित टिकट खरीद सकते हैं. डीएमआरसी निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट कार्ड भी जारी करता है.

डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीते महीने कहा था कि डीएमआरसी ने एएफसी द्वार और ग्राहक सेवा काउंटर का अद्यतन किया है ताकि वे क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था के अनुरूप हो सकें.अधिकारियों ने बताया कि डीएमआरसी की योजना जून के अंत तक सभी एएफसी द्वार को क्यूआर कोड के अनुरूप करने की है. साथ ही क्यूआर-आधारित कागज के टिकट के वितरण के लिए टिकट बिक्री मशीनों का अद्यतन करने का भी लक्ष्य है.

Also Read: बालासोर रेल हादसे की जांच करेगी सीबीआई! रेलवे बोर्ड ने की सिफारिश, भीषण हादसे में 275 लोगों की मौत

कम होगी लागत

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो ने अपना संचालन दिसंबर 2002 में शुरू किया था. इसी कड़ी में मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस टोकन का इस्तेमाल सफर के लिए किया जाता था इसकी टोकन भारत में बनता है लेकिन चिप को विदेश से खरीदा जाता है.टोकन पीवीसी सामग्री से बने होते हैं. टोकन के निर्माण पर कितना लागत आता है इसपर अधिकारी ने कहा कि एक टोकन के निर्माण पर करीब 16 रुपये का खर्च आता है. जबकि, टोकन की तुलना में क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट के निर्माण पर लागत बहुत कम आ रही है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version