Home Badi Khabar कोरोना संक्रमितों के घर के बाहर पोस्टर चिपकाने के विरोध में याचिका, अदालत ने दिल्ली को सरकार को भेजा नोटिस

कोरोना संक्रमितों के घर के बाहर पोस्टर चिपकाने के विरोध में याचिका, अदालत ने दिल्ली को सरकार को भेजा नोटिस

0
कोरोना संक्रमितों के घर के बाहर पोस्टर चिपकाने के विरोध में याचिका, अदालत ने दिल्ली को सरकार को भेजा नोटिस

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आप सरकार से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा जिसमें कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के घरों के बाहर या पृथकवास में रहने वालों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाना समाप्त करने के लिए दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया गया है .

याचिका में विकल्प के तौर पर दिल्ली सरकार को यह आदेश देने का अनुरोध किया गया है कि वह अपने अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रतिनिधियों को निर्देश दे कि वे कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के नाम किसी को प्रसारित नहीं करें, विशेष तौर पर रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) या व्हाट्सऐप ग्रुप में. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एक पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और केवल इस सीमित मुद्दे पर उसका जवाब मांगा.

Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 4 अक्टूबर को ही होगी यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा

उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता-अधिवक्ता कुश कालरा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जांच क्षमता बढ़ाने, स्वदेशी तौर पर विकसित जांच किट के इस्तेमाल, जांच एवं आरएटी किट के सत्यापन को लेकर आईसीएमआर के परामर्श को फिर से सूत्रित करने जैसी मांगी गई अन्य राहतों पर एक अन्य जनहित याचिका पर पहले ही गौर किया जा रहा है, ‘‘इसलिए दोहराव का कोई मतलब नहीं है.”

पीठ ने यह भी कहा कि पड़ोसी राज्यों की जांच क्षमता का इस्तेमाल करने को लेकर मांगी गई राहत प्रदान नहीं की जा सकती क्योंकि पूर्व में ऐसे कदमों से परिणाम मिलने में विलंभ हुआ है. कालरा ने अपनी याचिका में दलील दी है कि कोविड-19 से संक्रमित पाये गए व्यक्तियों के नाम आरडब्ल्यूए और व्हाट्सऐप ग्रुप में प्रसारित करने से लोगों का बेवजह का ध्यान जाता है.

याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों की निजता का ध्यान रखा जाना चाहिए जिससे वे शांति से रहकर बीमारी का मुकाबला करके ठीक हो सकें. इसमें कहा गया है, ‘‘इसके बजाय ऐसा किया जाता है जिससे सभी लोगों का ध्यान ऐसे व्यक्तियों पर केंद्रित हो….” याचिका में दावा किया गया है कि इसका परिणाम यह हुआ है कि व्यक्ति ‘‘जांच कराने से बचते हैं और जानबूझकर स्वयं की जांच नहीं कराने का चयन करते हैं जिससे वे स्वयं को ‘‘लोगों के बीच शर्मिंदा होने से बचा सके.” अर्जी में कहा गया है कि ऐसा कोविड-19 संक्रमित मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाने से भी होता है.

Posted By – pankaj Kumar Pathak

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version