Home Badi Khabar मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिम जनजाति अमृत परहिया की ली सुध, पढ़िए कैसे हरकत में आया लातेहार जिला प्रशासन ?

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिम जनजाति अमृत परहिया की ली सुध, पढ़िए कैसे हरकत में आया लातेहार जिला प्रशासन ?

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिम जनजाति अमृत परहिया की ली सुध, पढ़िए कैसे हरकत में आया लातेहार जिला प्रशासन ?

लातेहार(चंद्रप्रकाश सिंह) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर जैसे ही लातेहार जिले के मनिका प्रखंड की जान्हो पंचायत के पननवा टोला निवासी आदिम जनजाति अमृत परहिया (65 वर्ष) की सुध ली, वैसे ही लातेहार जिला प्रशासन सक्रिय हो गया. अब सभी सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. आपको बता दें कि रोड स्कॉलर्ज द्वारा अमृत परहिया के पास कोई सुविधा नहीं होने को लेकर पिछले दिनों सीएम को ट्वीट किया गया था.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को किये गये ट्वीट में कहा गया था कि अमृत परहिया के पास सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. खाद्य सुरक्षा अभियान को लेकर अमृत राशन कार्ड बनवाने के लिए अपने संबंधित राशन डीलर के पास गये थे, लेकिन राशन कार्ड बनाने में सबसे आवश्यक आधार कार्ड भी उसके पास नहीं था. इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया.

रोड स्कॉलर्ज द्वारा अमृत परहिया के मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट किया गया था. इसके बाद सीएम ने रि-ट्वीट कर लातेहार जिला प्रशासन को आधार कार्ड व पेंशन समेत अन्य सुविधाएं देने का निर्देश दिया. इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर आज मनिका प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार तिवारी ने पंचायत सेवक के माध्यम से अमृत परिहया को प्रखंड कार्यालय बुलाया और आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

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बीडीओ श्री तिवारी ने बताया कि अन्नपूर्णा योजना के तहत अमृत परहिया को 60 किलो चावल दिया गया है. बैंक खाता खुलवा कर आदिम जनजाति मुख्यमंत्री पेंशन योजना का लाभ देने के लिए संबंधित कर्मचारी व पंचायत सेवक को निर्देश दिया गया है.

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अमृत परहिया अपनी विवाहित पुत्री के साथ बरवाडीह प्रखंड के चहल चुंगरू गांव में रहते हैं. जब गांव में राशन कार्ड बनाने की जानकारी उन्हें मिली, तो वे पिछले दिनों अपने गांव मनिका प्रखंड की जान्हो पंचायत के पननवा टोला आये थे, लेकिन आधार कार्ड नहीं होने के कारण उनका राशन कार्ड का आवेदन जमा नहीं लिया जा रहा था.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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