
कसमार, कृषि विज्ञान केंद्र, पेटरवार से जुड़े कृषि वैज्ञानिकों की एक टीम ने रविवार को कसमार प्रखंड के विभिन्न गांवों का दौरा किया. इस दौरान प्रखंड करकट्टाकला, चैनपुर, बरईखुर्द, जम्हार, चंडीपुर, मायापुर, मेढ़ा, कुरको एवं रांगामाटी में विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम के तहत किसानों को खेती किसानी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की जानकारी दी. कृषि वैज्ञानिकों के दल ने आम बागवानी, टपक सिंचाई योजना और खेतों में लगी फसलों का निरीक्षण किया. साथ हीं विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत वैज्ञानिकों ने किसानों से सीधा संवाद किया और विभिन्न फसलों के संबंध में उन्हें जानकारी दी.
12 जून तक चलेगा अभियान
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ अरुण नाथ पुरान ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से शुरू किया गया है, जो 12 जून तक चलेगा. इसका थीम है जहां खेत, वहां विज्ञान. इस अभियान के तहत वैज्ञानिक किसान के खेतों में जाकर उन्हें मिट्टी जांच और मिट्टी नमूना एकत्रित करने का तरीका बता रहे हैं. साथ ही फसलों में कीड़े एवं कीट व्याधियों की जानकारी दे रहे हैं. वैज्ञानिकों ने किसानों को भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कुसुम योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मोटे अनाजों की खेती, दलहन-तिलहन के लिए एनएफएसएम योजना आदि के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही कम पानी में मोटे अनाज की खेती की सलाह दी. वैज्ञानिकों ने किसानों को कम समय में पैदा होने वाले धान की जानकारी देते हुए कहा कि 90 से 120 दिनों के बीच होने वाले बीज लगाएं, ताकि कम समय और लागत में किसानों को अच्छी पैदावार मिल सके. मौके पर डॉ आदर्श कुमार श्रीवास्तव, डॉ विनय कुमार, डॉ नीना भारती, उदय कुमार सिंह, डॉ रूपा रानी, डॉ नंदना, डॉ अनिल कुमार, डॉ उमेश्वर भगत, उमेश कुमार व अन्य दर्जनों किसान समेत कृषि विभाग से जुड़े पदाधिकारी व कृषक मित्र मौजूद थे.
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