बेखौफ: बगरा के रास्ते प्रतापपुर होकर बिहार भेजा जा रहा है चाेरी का कोयला : ईंट भट्ठों में इस्तेमाल हो रहा है चोरी का कोयला चतरा. जिले में इन दिनों कोयले की तस्करी जारी है. कोयले की तस्करी जंगली व ग्रामीण रास्तों से की जा रही है. क्षेत्र में कोयला तस्कर काफी सक्रिय हैं. चोरी का कोयला बेच कर मालामाल हो रहे हैं. मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला लेकर तस्कर बगरा के रास्ते लावालौंग, प्रतापपुर होकर बिहार ले जा रहे हैं. कोयला को वहां के ईंट भट्ठों में पहुंचाया जा रहा है. तस्करी हाइवा, ट्रक व अन्य बड़े वाहनों से की जा रही है. सूत्रों का कहना हैं कि पुलिस की मिलीभगत से कोयले की तस्करी हो रही है. रात के अंधेरे में तस्कर कोयला लेकर उक्त रास्ते से बिहार के विभिन्न जगहों पर पहुंच रहे हैं. कोल वाहनों का तस्कर बाइक व चार पहिया वाहनों से स्कार्ट करते हैं. कोयले की तस्करी से सरकार को हर माह लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. यह खेल एक माह से चल रहा है. टंडवा, सिमरिया, बगरा, चतरा, बिहार के तस्कर सक्रिय हैं. कोयला लदा वाहन उक्त क्षेत्र के थाना के समीप से होकर गुजरते हैं. पुलिस कभी कभार एक-दो अवैध रूप से कोयला लदे वाहनों को पकड़ कर सिर्फ खानापूरी करती है, जिससे तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ है. लावालौंग, कुंदा, प्रतापपुर के अधिकतर ईंट भट्ठाें में चोरी का कोयला इस्तेमाल हो रहा है. तस्कर ईंट भट्ठों में कोयला पहुंचा कर मोटी रकम वसूल रहे हैं.
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