: तीन दिन तक नहीं जला चूल्हा, सखुआ पेड़ में बांधा गया रक्षा सूत्र लावालौंग. सिलदाग पंचायत में सरहुल पारंपरिक तरीके से मनाया गया. इस दौरान प्रकृति की पूजा की गयी. साथ ही घर-घर फुलखोसी की गयी. तीन दिवसीय इस पूजा का समापन शनिवार को हुआ. परंपरा के अनुसार पूजा के दौरान किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला, गांव के लोगों ने पूजा स्थल से अग्नि लाकर ही चूल्हा जलाया और फिर भोजन पकाया. नावाडीह के बरगद पेड़ के नीचे सरहुल पूजा की गयी. यहां वर्षों से पूजा का आयोजन हो रहा है. पूजा होने के बाद ही कोई शुभ कार्य किया जाता है. पूजा के दौरान युवक-युवतियाें ने पारंपरिक वेशभूषा में मांदर की थाप पर नृत्य प्रस्तुत किया. लोगों ने सखुआ के पेड़ में रक्षा सूत्र बांध कर वनों को बचाने का संकल्प लिया. पंचायत के नावाडीह, सिलदाग, महुआडीह, कनवातरी, खांडी, लोहरी, सरौना, महुआगड़ा, नारायणपुर समेत कई गांवों में सरहुल मनाया गया.
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