टंडवा. प्रखंड के मिश्रौल पंचायत के हांडू स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों का वक्त पढ़ाई में कम और जंगल से करील (बांस का खाद्य पदार्थ) लाने में अधिक बीतता है. इस विद्यालय के शिक्षक बच्चों को पढ़ाई के बदले जंगल से करील लाने भेज देते हैं. इसकी जानकारी मिलते ही सोमवार को बच्चों के अभिभावक गोलबंद हो गये और विद्यालय पहुंच कर विरोध जताते हुए स्कूल में ताला जड़ दिया. अभिभावकों के अनुसार विद्यालय के शिक्षक नागेश्वर प्रजापति व मथुरा ठाकुर बच्चों को पढ़ाई के बदले करील लाने जंगल भेज देते हैं. इसके अलावा इनसे अपना निजी कार्य भी कराते हैं. शनिवार को भी विद्यालय अवधि में शिक्षकों ने बच्चों को जंगल भेज दिया और बांस करील लाने को कहा.
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब जंगल में करील लाने गये बच्चों को सांप मिल गया. सांप देखते ही बच्चे चिल्लाते हुए वहां से भागे. इसकी जानकारी ग्रामीणों को मिली. इसके बाद अभिभावक आक्रोशित हो गये और शिक्षकों को हटाने की मांग करते हुए स्कूल पहुंच गये. उनका कहना था कि पूर्व में भी बच्चो को आम पेड़ पर शिक्षकों ने चढ़ाया था. अभिभावकों की मानें, तो शिक्षक बच्चोें को शिक्षा देने के बदले दिन भर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं.
ग्रामीणों के अनुसार स्कूल में बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन तक नहीं दिया जाता है. अभिभावकों के विरोध की सूचना पाकर शिक्षा विभाग ने सीआरपी मिथिलेश तिवारी को भेजा. सीआरपी ने ग्रामीणों के साथ वार्ता की और विद्यालय का ताला खुलवाया. मौके पर लखन गंझू, महेश गंझू, बंधन गंझू, उमेश गंझू, उगदेव गंझू, रघुनाथ गंझू, नरेश गंझू समेत कई शामिल थे. इधर, शिक्षक नागेश्वर प्रजापति ने आरोप को निराधार बताया है.
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